राहुल गांधी का केंद्र से सवाल, किसानों एवं बड़े व्यापारियों के साथ अलग अलग बर्ताव क्यों?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को यह कहते हुए देश के किसानों की प्रति भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की कि उसने बड़े औद्योगिक घरानों का ऋण माफ कर दिया लेकिन गले तक कर्ज में डूबे संघर्षरत कृषक समुदाय के लिए कुछ नहीं किया।
वायनाड (केरल)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को यह कहते हुए देश के किसानों की प्रति भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की कि उसने बड़े औद्योगिक घरानों का ऋण माफ कर दिया लेकिन गले तक कर्ज में डूबे संघर्षरत कृषक समुदाय के लिए कुछ नहीं किया। एसएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा यहां उनके कार्यालय में तोड़फोड़ किये जाने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर आये सांसद गांधी ने केरल के सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) पर भी हमला किया एवं आरोप लगाया कि उसके पास किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने की कोई रणनीति नहीं है तथा राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इंसान-जानवर संघर्ष के मुद्दे के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
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वह इस पर्वतीय जिले के मनानथावडी में एक किसान सेवा सहकारी बैंक के नये भवन का उद्घाटन कर रहे थे। हाल में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र को लेकर गांधी के स्थानीय सांसद कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। किसानों को देश की तथा कृषि को आधुनिक अर्थव्यवस्था की बुनियाद बताते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो कृषि के विकास के बगैर सफलतापूर्वक विकास कर पाया हो।
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कांग्रेस सांसद ने कहा कि लेकिन किसान एवं कृषि को आज उपेक्षित छोड़ दिया गया है तथा किसानों को हर ओर से उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। विवादास्पद कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इसे कृषि समुदाय को घेरने एवं फंसाने के लिए बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कृषि कानूनों का मूल विचार यह था कि किसानों की कठित मेहनत का लाभ बड़े व्यापारियों को मिले। किसानों के जबर्दस्त प्रदर्शन के कारण केंद्र ने इन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। सरकारों से किसानों एवं कृषि की रक्षा करने का नजरिया रखने की अपील करते हुए गांधी ने कहा कि इस विचार में सुधार करने की जरूरत है कि बड़े व्यापारियों एवं किसानों के साथ अलग अलग तरीके से बर्ताव किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ बड़े व्यापारी ऋण लेते हैं, ऋण अदायगी से मुकर जाते हैं , उनका ऋण माफ कर दिया जाता है। वे करोड़ों रूपये ले सकते हैं और ऋण माफ कर दिया जाता है एवं कोई सवाल भी नहीं पूछा जाता ....कोई उनसे नहीं पूछता कि आपने यह क्या किया या कैसे आपने पैसे गंवा दिये...वे कहते हैं कि यह देश के लिए महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ तो करोड़ों रूपये का ऋण माफ कर दिया जाता है जबकि दूसरी तरफ, जब किसान छोटी राशि का ऋण लेते हैं तो उसे माफ नहीं किया जाता है। गांधी की यह यात्रा केरल में सत्तारूढ़ माकपा के प्रदेश मुख्यालय एकेजी सेंटर पर कथित हमले को लेकर उत्पन्न तनाव के बीच हो रही है, इसलिए उनकी यात्रा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। माकपा ने एकेजी पर ‘बम हमले’ के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है।
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