राहुल गांधी ने वीडियो जारी कर मौजूद हालात पर जताई चिंता, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप भी लगाया कि मौजूदा समय में लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्ते खराब हैं और सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार नहीं किया है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि भारत सरकार की विदेश नीति के ध्वस्त होने की स्थिति में आने और अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने के कारण चीन सीमा पर हमारे खिलाफ आक्रामक हुआ। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मौजूदा समय में लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्ते खराब हैं और सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार नहीं किया है। कांग्रेस नेता ने एक वीडियो जारी कर एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव के ‘कारणों’ को लेकर अपनी बात रखी।
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उन्होंने सवाल किया, ‘‘ आखिर चीन इसी समय आक्रामक क्यों हुआ ? चीन ने एलएसी पर अतिक्रमण के लिए यही समय क्यों चुना? भारत में ऐसी क्या स्थिति है जिसने चीन को मौका दिया? इस समय में ऐसा विशेष क्या है जिससे चीन को यह विश्वास हुआ कि वह भारत के विरुद्ध दुस्साहस कर सकता है?’’ गांधी ने कहा, ‘‘ देश की रक्षा किसी एक बिंदु पर टिकी नहीं होती, बल्कि यह कार्य कई शक्तियों का संगम होता है। यह समायोजन कई प्रकार की व्यवस्थाओं का होता है। अतः देश की रक्षा विदेश संबंधों से होती है, इसकी रक्षा पड़ोसी राष्ट्रों से होती है, इसकी रक्षा अर्थव्यवस्था से होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विदेश संबंध विश्व के कई राष्ट्रों से बेहतर रहे हैं, हमारे रिश्ते अमेरिका से रहे हैं,मैं इसे रणनीतिक साझेदारी कहूंगा, जो काफी महत्वपूर्ण है। हमारे रिश्ते रूस से थे,हमारे संबंध यूरोपीय राष्ट्रों से थे, और ये सारे राष्ट्र हमारे सहयोगी थे।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आज हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंध मतलबपरस्त हो गए है। अमेरिका से भी वर्तमान संबंध लेन-देन पर आधारित है। रूस से भी हमारा संबंध संकटग्रस्त हुआ है। यूरोपीय राष्ट्रों से भी हमारे संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं उन्होंने कहा, ‘‘अब हम पड़ोसी राष्ट्रों पर आते हैं नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था, भूटान भी करीबी दोस्त था, श्रीलंका भी करीबी दोस्त था। पाकिस्तान को छोड़कर, सभी पड़ोसी देश भारत के साथ मिलकर कार्य करते थे और वे सभी पड़ोसी राष्ट्र सभी संदर्भ में भारत को अपना साझीदार मानते थे।’’
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उनके मुताबिक, आज नेपाल हमसे नाराज एवं उग्र है, आप नेपाल जाएं एवं नेपाली नागरिकों से बात करें, जो हुआ, उससे वे काफी गुस्से में हैं, श्रीलंका ने तो चीन को बंदरगाह तक दे दिया, मालदीव भी परेशान है,भूटान भी परेशान है। इस प्रकार हमने अपने करीबी विदेशी साझेदारों से रिश्ते बिगाड़ लिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ जिस आर्थिक समृद्धि की चर्चा भारत पूरे विश्व में गर्व करता था, वो पिछले 50 वर्षों के अपने निकृष्टतम दौर में है। ना स्पष्ट दिशा है ना दृष्टिकोण, अर्थात अर्थव्यवस्था का संपूर्ण विनाश ! वर्षों में बेरोजगारी, अपने उच्चतम बिंदु पर है। आखिर हमारी मजबूती, अचानक हमारी कमजोरी कैसे बन गई? ’’
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘हमने सरकार से कहा, भगवान के लिए अर्थव्यवस्था में पैसा झोंकिए जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके और यह तुरंत कीजिए, छोटे और मध्यम व्यापार को बचाइए। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया इस प्रकार आज हमारा राष्ट्र आर्थिक रूप से संकट में है।’’ उन्होंने दावा किया कि विदेश नीति भी ध्वस्त होने के दौर में है, पड़ोसियों से रिश्ते खराब है। इसी कारण से चीन ने यह निर्णय लिया कि संभवत: बेहतर समय है भारत के विरुद्ध कार्यवाही करने का। उसके आक्रमक होने का यही प्रमुख कारण है।
Since 2014, the PM's constant blunders and indiscretions have fundamentally weakened India and left us vulnerable.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2020
Empty words don't suffice in the world of geopolitics. pic.twitter.com/XM6PXcRuFh
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