गुजरात में पीड़ित दलितों से मिले राहुल, जताई शर्मिंदगी

[email protected] । Jul 21 2016 4:57PM

राहुल गांधी ने आज उन दलित परिवारों से मुलाकात की जिन्हें एक मृत गाय की खाल उतारने के लिए पीटा गया था। गांधी ने उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

मोटा समाधियाला। राहुल गांधी ने आज उन दलित परिवारों से मुलाकात की जिन्हें एक मृत गाय की खाल उतारने के लिए पीटा गया था। गांधी ने उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। पीड़ितों के एक रिश्तेदार के मुताबिक, राहुल गांधी ने परिजनों के साथ करीब 40 मिनट बिताए और कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत में हो रही हैं, इससे वह ‘शर्मिंदा’ हैं। कांग्रेस नेता कुमारी शैलता और गुरुदास कामत के साथ यहां आए राहुल ने पीड़ितों के परिजनों के साथ चाय भी पी।

उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई को गिर-सोमनाथ जिले के उना कस्बे के निकट इस सुदूर गांव में कथित रूप से मृत गाय की खाल उतारने के लिए दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दी गई थी। पीड़ितों के रिश्तेदार जीतू सरवइया ने राहुल गांधी के जाने के बाद संवाददाताओं को बताया, ''हमने उन्हें (राहुल) वह सब कुछ बताया जो मेरे भाई और चाचा के साथ घटित हुआ था। उन्होंने हमारी बातें धैर्यपूर्वक सुनीं और हमें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया जिससे हमें न्याय मिल सके।’’ उसने कहा, ''राहुल जी ने शर्मिंदगी जताई कि इस देश में इस तरह की घटनाएं अब भी हो रही हैं और उन्होंने किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए अपना व्यक्तिगत नंबर दिया।’’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी केन्द्र शासित दीव के पास विमान से उतरने के बाद बालूभाई सरवइया और उनके परिजनों से मिले। बालूभाई सहित उनके परिवार के सात सदस्यों की पिटाई की गई थी। भावनगर जिले में एक कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे जीतू ने कहा, ''उन्होंने हमसे मुद्दों और हमारे गांव में किए जा रहे भेदभाव के बारे में सवाल पूछे। हमने उन्हें बताया कि यहां छुआछूत की प्रथा अब भी मौजूद है क्योंकि हमें दूसरों से दूर रखा जाता है।’’

''हमने उनसे मांग की कि इस घटना में शामिल लोगों को कठोर सजा मिलनी चाहिए और आजीवन जेल में डाला जाना चाहिए अन्यथा वे फिर से यह कृत्य किसी और के साथ करेंगे।’’ उसने कहा, ''हमने उन्हें यह भी बताया कि जब गउ कार्यकर्ता मेरे भाइयों को पीट रहे थे तो पुलिस हमारी मदद के लिए नहीं आई। मृत गायों की खाल उतारने के लिए बेरहमी से पिटाई किए जाने के बाद हमारे परिवार ने चमड़े का धंधा छोड़ने का निर्णय किया है, हम श्रमिकों की तरह काम करेंगे, लेकिन इस पारंपरिक पेशे में नहीं आएंगे।’’ जीतू ने कहा, ''हमने अपने परिवार की माली हालत का जिक्र करते हुए अपने बच्चों की शिक्षा के लिए उनसे वित्तीय मदद भी मांगी ताकि भविष्य में हमारे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।’’ बाद में राहुल गांधी राजकोट के लिए रवाना हो गए जहां पिटाई से घायल पीड़ितों का इलाज चल रहा है। गुजरात कांग्रेस के विधायक शैलेश परमार ने बाद में कहा कि राहुल पीड़ितों के परिवार को मदद के तौर पर 5 लाख रुपये देंगे। दलितों पर हमले के संबंध में अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

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