अरुणाचल में बोले राहुल गांधी, पूर्वोत्तर के राज्यों को देंगे विशेष श्रेणी का दर्जा

पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला पिछले साल नवंबर में हुए मिजोरम विधानसभा के चुनाव में ढह गया था, जब भाजपा की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट राज्य में सत्ता में आई थी।
ईटानगर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी यदि सत्ता में आई तो वह अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों का विशेष श्रेणी का दर्जा बहाल करेगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा पूर्वोत्तर के लोगों पर ‘आरएसएस की विचारधारा’ थोपकर वहां के लोगों के सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार को नष्ट करने का प्रयास कर रही है। अरुणाचल प्रदेश में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपरा पर कभी भी हमला नहीं करेगी। गांधी ने कहा, ‘‘क्षेत्र के लोग कांग्रेस के दिल के करीब हैं। कांग्रेस ने हमेशा क्षेत्र के विकास के लिये काम किया है। मेरी पार्टी अगर सत्ता में आई तो अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों का विशेष श्रेणी का दर्जा बहाल किया जाएगा।’’
LIVE: Congress President @RahulGandhi addresses public meeting in Itanagar. #ArunachalWelcomesRahulGandhi https://t.co/QHGXSyGwKT
— Congress (@INCIndia) March 19, 2019
पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला पिछले साल नवंबर में हुए मिजोरम विधानसभा के चुनाव में ढह गया था, जब भाजपा की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट राज्य में सत्ता में आई थी। गांधी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि देश में कुछ राज्य हैं जिन्हें कनेक्टिविटी, भूभाग, अवसंरचना जैसी उनकी ‘‘खास समस्याओं और कठिनाइयों’’ के चलते विशेष दर्जे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के शासन के दौरान अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्य विशेष श्रेणी दर्जे का लाभ उठाया करते थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे को मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रति ‘घृणा’ की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने के नाते नहीं चाहेगी कि भाजपा खत्म हो।’’ भाजपा नीत केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर समेत देशभर में ‘आरएसएस की विचारधारा’ को थोपने का आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि संघ परिवार की पृष्ठभूमि वाले कथित अयोग्य लोगों को कुलपति नियुक्त किया गया है। एक और संवेदनशील मुद्दे को छूते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित नहीं होने देगी क्योंकि यह पूर्वोत्तर के लोगों के लिए ‘‘नुकसानदेह’’ है। गांधी ने कहा, ‘‘हम पूर्वोत्तर के लोगों का दमन नहीं होने देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद योजना आयोग जिसका गठन क्षेत्र की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखकर सुनियोजित विकास के लिये किया गया था, उसकी जगह नीति आयोग का गठन कर दिया गया।’’
इसे भी पढ़ें: नेताजी का कायम किया रिश्ता ठीक करने के लिये बसपा से गठबंधन: अखिलेश
उन्होंने कहा, ‘‘पहले पूर्वोत्तर के राज्यों के लिये सारी योजनाएं संबंधित राज्य सरकारों के साथ सलाह-मशविरा करके बनाई जाती थीं, लेकिन अब सारी योजना दिल्ली में बनाई जा रही है।’’ गांधी ने कहा कि कांग्रेस के दिल में अरुणाचल प्रदेश का एक विशेष स्थान है और ‘‘हम राज्य के लोगों के साथ दिल का रिश्ता रखना चाहेंगे।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने वादा किया कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर अरुणाचल प्रदेश में आधारभूत संरचना के विकास को नये सिरे से प्रोत्साहन देगी। उन्होंने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिये विशेष योजना सहायता (एसपीए) और पूर्वोत्तर औद्योगिक नीति को फिर से शुरू करने का संकल्प जताया। हर नागरिक को ‘न्यूनतम आय की गारंटी’ प्रदान करने के कांग्रेस के वादे को दोहराते हुए गांधी ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश के बेरोजगार युवकों को कर्ज देने की जगह मोदी सरकार ने चंद उद्योगपतियों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिये। उन्होंने हर साल दो करोड़ नौकरियों के सृजन के भाजपा के वादे को सरासर झूठ करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जगह अब दो करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हैं। अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा तथा दो लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान होगा।
