RCEP को लेकर राहुल ने सरकार पर किया कटाक्ष, बीजेपी ने UPA के दिनों को कराया याद
अमित मालवीय ने ट्वीट कियाआरईसीपी से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके भूलने की बीमारी में मदद सहायक होंगे"। मालवीय ने कहा कि आरईसीपी समझौते को लेकर बातचीत 2012 के यूपीए शासनकाल के दौरान शुरू हुई थी। चीन के साथ व्यापार घाटा में 23 गुणा बढोत्तरी हुई थी।
राहुल गांधी के क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधने के बाद बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है। बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर राहुल को निशाने पर लिया और कुछ तथ्य पेश करते हुए कहा कि इससे आपके भूलने की बीमारी में सहायता मिलेगी। मालवीय ने ट्वीट किया"आरईसीपी से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके भूलने की बीमारी में मदद सहायक होंगे"। मालवीय ने कहा कि आरईसीपी समझौते को लेकर बातचीत 2012 के यूपीए शासनकाल के दौरान शुरू हुई थी। चीन के साथ व्यापार घाटा में 23 गुणा बढोत्तरी हुई थी। 2005 में 1.9 बिलियन जो 2014 में बढ़कर 44.8 बिलियन हो गई थी। अब पीएम मोदी आपकी की गई गलतियों को सुधार रहे हैं।
Dear @RahulGandhi,
— BJP (@BJP4India) November 4, 2019
Seems meditation trip has woken you up to RCEP. Facts that will help your selective amnesia:
1. UPA entered RCEP negotiations in 2012
2. Trade deficit with China increased by 23 times from $1.9Bn in 2005 to $44.8Bn in 2014
3. Now PM Modi is cleaning your mess. https://t.co/lkFwna78Xm
बता दें कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरईसीपी) को लेकर सोमवार को सरकार पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि मेक इन इंडिया अब ‘बाय फ्राम चाइना’ (चीन से खरीदो) हो गया है। राहुल ने आरईसीपी से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि आरईसीपी से भारत में सस्ते सामान की बाढ़ आ जाएगी जिससे लाखों नौकरियां चई जाएंगी और अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मेक इन इंडिया’ अब ‘बाय फ्राम चाइना’ बन गया है। हर साल हम प्रति भारतीय के लिए 6000 रुपये की वस्तुओं का आयात करते हैं। 2014 के बाद से आयात में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है।’
"Make in 🇮🇳" has become “Buy from 🇨🇳”.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 4, 2019
Each year we import Rs. 6,000/ worth of goods from 🇨🇳 for every Indian! A 100% increase since 2014. #RCEP will flood India with cheap goods, resulting in millions of job losses & crippling the 🇮🇳 economy. https://t.co/4DqzARiL6D
क्या है RCEP?
रीजनल कॉम्प्रीहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) एक ऐसा प्रस्तावित व्यापक व्यापार समझौता है जिसके लिए आसियान के 10 देशों के अलावा 6 अन्य देश-चीन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान और न्यूजीलैंड के बीच बातचीत चल रही है। आरसीईपी के द्वारा सभी 16 देशों को शामिल करते हुए एक 'एकीकृत बाजार' बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिससे इन देशों के उत्पादों और सेवाओं के लिए एक-दूसरे देश में पहुंच आसान हो जाएगी। इससे व्यापार की बाधाएं कम होंगी. साथ ही, निवेश, आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग, विवाद समाधान, ई-कॉमर्स आदि को बढ़ावा मिलेगा।
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