केरल में बारिश से तबाही: मृतकों की संख्या 83 पहुंची, राहत शिविरों में ढाई लाख लोग
अधिकारियों ने बताया कि 2.55 लाख लोगों ने 1413 राहत शिविरों में पनाह ली है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बारिश के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित मलप्पुरम में 50 लोग अब भी लापता है।
तिरुवनंतपुरम। केरल के कई हिस्सों में बारिश में कमी आने के साथ मलप्पुरम और वायनाड जिलों के भूस्खलन प्रभावित कवलप्पारा और पुथुमाला में राहत एवं तलाश अभियान चलाया जा रहा है। मानसून की बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़ कर 83 हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि 2.55 लाख लोगों ने 1413 राहत शिविरों में पनाह ली है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बारिश के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित मलप्पुरम में 50 लोग अब भी लापता है। राज्य के 14 जिलों के लिए मंगलवार को बारिश का कोई ‘रेड अलर्ट’ जारी नहीं किया गया ,लेकिन छह जिलों के लिए ‘‘ऑरेंज अलर्ट’’ जारी किया गया है। राज्य के मलप्पुरम, वायनाड, कोझिकोड और इडुक्की मूसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। मलप्पुरम में आठ अगस्त से भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन हुआ और कवलप्पारा तथा कोट्टाकुन्नु में 27 लोगों की मौतें हुई।
गत आठ अगस्त से मलप्पुरम में 27, कोझीकोड में 17 और वायनाड में 12 और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 83 हो गई है। मलप्पुरम में 59,351 लोग 240 राहत शिविरों में रह रहे है। पड़ोसी वायनाड के पुथुमाला में हुए भूस्खलन से 12 लोगों की मौत हो चुकी है और सात अन्य लापता बताये जा रहे हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिले के 212 राहत शिविरों में 35 हजार लोग शरण लिये हुए हैं।
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कोझीकोड जिले में 17 लोगों की मौत होने की सूचना है और 60 हजार से अधिक लोगों को 209 राहत शिविरों में ले जाया गया है।
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सबसे ज्यादा प्रभावित पुथुमाला सहित अपने वायनाड संसदीय क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से संवाद किया। राहुल ने कहा, ‘‘यह न केवल वायनाड के लिए, बल्कि केरल और कुछ दक्षिणी राज्यों के लिए भी त्रासदी है। यह केवल वायनाड का मुद्दा नहीं है, यह केरल का मुद्दा है, यह कर्नाटक का मुद्दा है।’’
कांग्रेस नेता ने अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर सरकारी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद कलपेट्टा में पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को इन राज्यों के लोगों पर ध्यान देने और व्यापक पैमाने पर समर्थन करने की आवश्यकता है।’’
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कांग्रेस नेता ने ट्वीट भी किया कि उन्होंने वायनाड के मेपाड्डी में पुथुमाला के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि भीषण भूस्खलन की वजह से पूरा गांव बर्बाद हो गया है। कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत कार्य चल रहा है ।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को जिला कलेक्टरों को राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बारिश प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए।
Twitter preacher @siddaramaiah has time to attend Biryani party at Congress MLC’s house
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) August 12, 2019
But
He doesn’t have time to visit flood effected Badami constituency
If eating Biryani is over make some effort to visit your constituency & listen to plead of people who voted u pic.twitter.com/QY4pu4gMlA
विजयन ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कलेक्टरों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान जिले के अधिकारियों को उन लोगों को अस्थायी आवास उपलब्ध कराने को कहा है जिनके मकान ढह गये है। मुख्यमंत्री मंगलवार को मलप्पुरम और वायनाड जिलों का दौरा करेंगे।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का ‘‘जानबूझकर’’ हवाई सर्वेक्षण नहीं किया और इसके बजाय उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे भाजपा शासित राज्यों को चुना।
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