कांग्रेस के बारे में नकवी की टिप्पणी पर राज्यसभा में हंगामा
राज्यसभा में आज कांग्रेस के बारे में संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की एक टिप्पणी पर विभिन्न विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शून्यकाल में बाधित हुयी।
राज्यसभा में आज कांग्रेस के बारे में संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की एक टिप्पणी पर विभिन्न विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शून्यकाल में बाधित हुयी और इसे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। शून्यकाल में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब जदयू सदस्य शरद यादव ने लोक महत्व के विषय के तहत देश में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे से संबद्ध करते हुए कांग्रेस के आनंद शर्मा ने भी स्थिति को काफी गंभीर बताया और इस पर चर्चा कराने की बात की। इसी क्रम में उन्होंने देश और युवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी हताश हो रही है क्योंकि रोजगार छूट रहे हैं।
नकवी ने आनंद शर्मा के बयान पर आपत्ति जतायी और कांग्रेस के बारे में एक टिप्पणी की। नकवी की टिप्पणी पर कांग्रेस, माकपा, जदयू, सपा आदि दलों ने आपत्ति जतायी। विरोध जताते हुए कांग्रेस, जदयू, सपा के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे। उपसभापति पीजे कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह कार्यवाही को देखेंगे और अगर कोई शब्द असंसदीय लगा तो उसे कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा। लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कहा कि यह अराजकता है। उन्होंने कहा कि कोई शब्द अंससदीय है कि नहीं, यह तय करना आसन का काम है। उन्होंने कहा कि शून्यकाल में दस लोगों को लोक महत्व के विभिन्न मुद्दे उठाने हैं लेकिन इस हंगामे के कारण वे अपने मुद्दे नहीं उठा रहे हैं। हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 11 बजकर करीब 35 मिनट पर बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर शरद यादव ने कहा कि उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था। इस पर मंत्री की जो प्रतिक्रिया आयी, वह ठीक नहीं थी। इस पर नकवी ने कहा कि शरद यादव सदन के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। उनकी बात पर ‘‘मैंने केवल यही कहा था कि देश में हताशा या निराशा का माहौल नहीं है। इस दौरान मैंने एक दल का नाम लिया जिसे कार्यवाही से हटा दिया जाए।’’ इसके बाद प्रश्नकाल सामान्य रूप से चलने लगा।
इसके पूर्व शून्यकाल में शरद यादव ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में बेकारी की समस्या विकट हो गयी है। उन्होंने कहा कि 2014 में चुनावों के समय भाजपा ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन उस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंसगठित क्षेत्र में नौकरियों में लगातार कमी आ रही है और यह घटकर 1.35 लाख तक आ गया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा में शिक्षा हासिल करने वाले युवकों को तो कुछ अवसर मिल भी जाते हैं लेकिन देसी भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करने वालों की स्थिति काफी गंभीर है। उनकी बात से माकपा के सीताराम येचुरी और कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने भी अपने को संबद्ध किया।
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