मनरेगा में राजस्थान ने श्रमिक नियोजन का गत दस साल का रिकॉर्ड तोड़ा: पायलट

पायलट

पायलट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा मददगार साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में चारागाह विकास, मॉडल तालाब विकास, शमशान/ कब्रिस्तान विकास एवं खेल मैदान विकास के एक-एक कार्य स्वीकृत करने की योजना चलायी गई।

जयपुर। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 35.59 लाख हो गया है जो पिछले दस साल में सर्वाधिक श्रमिक नियोजन है। पायलट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा मददगार साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में चारागाह विकास, मॉडल तालाब विकास, शमशान/ कब्रिस्तान विकास एवं खेल मैदान विकास के एक-एक कार्य स्वीकृत करने की योजना चलायी गई। इसको एक कदम आगे बढ़ाते हुए वर्तमान में ‘एक ग्राम-चार काम‘ अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत उक्त कार्य प्रदेश के प्रत्येक राजस्व गांव में प्राथमिकता के आधार पर करवाये जा रहे हैं। पायलट ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 36,679 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं जिनमें 9,281 चारागाह विकास, 9,090 मॉडल जलाशय विकास, 9,589 शमशान/कब्रिस्तान विकास तथा 8,719 खेल मैदान विकास के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने बताया कि इन कार्यों पर अब तक लगभग 1372 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं। प्रत्येक राजस्व गांव में इन कार्यों का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं में समन्वय कर किया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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