ऑक्सीजन व रेमडेसिविर के प्रबंध में जुटी है राजस्‍थान सरकार: रघु शर्मा

Raghu Sharma

एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के बारे में शर्मा ने कहा कि यह दवा कंपनी द्वारा राज्‍य सरकार को टीके उपलब्‍ध करवाए जाने पर ही निर्भर करेगा। उन्‍होंने कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक मईसे 18 से 45 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जाना है।

जयपुर। राजस्‍थान में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने अप्रैल महीने में विभिन्‍न कंपनियों को 1.75 लाख रेमडेसिविर टीकों का आर्डर दिया गया था, जिसमें से उसे अब तक केवल 28,350 टीके ही मिले हैं। इस बीच राज्‍य में एक मई से 18 साल से अधिक आयु के लोगों के कोविड-19 प्रतिरक्षण टीकाकरण शुरू होने को लेकर संशय है क्‍योंकि टीका बनाने वाली कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। राज्‍य के चिकित्‍सा मंत्री डा रघु शर्मा ने रविवार को बताया कि राज्‍य सरकार की नोडल इकाई आरएमएससीएल ने अप्रैल माह में विभिन्न दवा निर्माताओं को 1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर टीकों की खरीद आदेश दिए गए। इनमें से अब तक 28,350 टीकों की ही आपूर्ति हुई है। केन्द्र सरकार द्वारा 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए 26,500 रेमडेसिविर टीकों का आवंटन किया गया। राज्य सरकार के प्रयासों के कारण केन्द्र की ओर से अब 67 हजार इंजेक्शन का आवंटन हुआ है। राज्‍य सरकार ने केन्द्र से राज्‍य को रेमडेसिविर टीके का आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया है। एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के बारे में शर्मा ने कहा कि यह दवा कंपनी द्वारा राज्‍य सरकार को टीके उपलब्‍ध करवाए जाने पर ही निर्भर करेगा। उन्‍होंने कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक मईसे 18 से 45 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जाना है। केन्द्र सरकार द्वारा कहा गया है कि टीके सीधे सीरम इंस्टीट्यूट से खरीदे जाने हैं। लेकिन जब राज्‍य के अधिकारियों ने सीरम इंस्टीट्यूट से बात की तो उन्हें बताया गया कि अभी उनके पास टीके उपलब्ध नहीं है। शर्मा के अनुसार उक्‍त कंपनी इस समय केन्द्र सरकार के साथ अपनी प्रतिबद्धता को भी 15 मई तक पूरी नहीं कर पा रही है ऐसे में राज्‍य में 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयुवर्ग का टीकाकरण करने का काम दवा कंपनी द्वारा राजस्थान को टीके उपलब्ध कराने पर ही निर्भर करेगा। इसके साथ ही शर्मा ने कहा कि राज्‍य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम व रोगियों के उपचार के लिए जांच सुविधाओं में निरंतर वृद्धि करने के अलावा आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि की जा रही है। ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे है। 

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डॉ शर्मा ने बताया कि राज्‍य में फिलहाल कोरोना जांच क्षमता 86 हजार जांच प्रतिदिन हो चुकी है एवं प्रतिदिन लगभग 80 हजार टेस्ट किए जा रहे है। सभी जांच आरटीपीसीआर द्वारा ही की जा रही है एवं सभी जिलों में यह जांच सुविधा उपलब्ध है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के सुद्ढीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस समयराज्‍य में 14,389 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर व 4477 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। मेडिकल आक्‍सीजन की उपलब्‍धता के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। केन्द्र द्वारा राज्य को 140 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन किया गया। प्रदेश में इस समय लिक्विड ऑक्सीजन परिवहन के लिए 4 से 6 मीट्रिक टन क्षमता के 23 टैंकर उपलब्ध हैं। आवश्यकता को ध्यान रखते हुए 30 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 6 टैंकरों की अतिरिक्त आवश्यकता है। जिसकी व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे है। उन्‍होंने बताया कि राज्‍य में कोरोना के उपचाराधीन मरीज (एक्टिव केस) इस समय 1 लाख 27616 हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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