पाकिस्तान कर रहा है भारत को तोड़ने की साजिश: राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर भारत को तोड़ने की कोशिश का आज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश आतंकियों की घुसपैठ में मदद कर रहा है लेकिन सशस्त्र बल उन्हें मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
अहमदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर भारत को तोड़ने की कोशिश का आज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश आतंकियों की घुसपैठ में मदद कर रहा है लेकिन सशस्त्र बल उन्हें मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं। दीव में जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘एक को छोड़कर, हमारे सभी पड़ोसी अच्छे हैं।’’ उन्होंने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘ हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। हमारे संतों के मुताबिक पूरा विश्व एक परिवार है... हम अपने पड़ोसियों को दोस्त मानते हैं। एक को छोड़कर सभी पड़ोसी अच्छे हैं। वह इससे सहमत नहीं है। आप जानते हैं वह कौन है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘अगर (वह) अभी हमसे सहमत नहीं है तो कल होगा। पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय उस पर आतंकवाद का रास्ता छोड़ने का दबाव डाल रहा है। वह आतंकियों को भारत में घुसपैठ में मदद कर रहा है, पड़ोसी होते हुए भी भारत को खंडित करने की साजिश कर रहा है। उसे अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना चाहिए।’’ उन्होंने माकूल जवाब के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।
भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर सरकार गंभीर: राजनाथ
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के प्रति सरकार गंभीर है और इसके लिए संसद के मानसून सत्र में विधेयक लाया जाएगा। भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लागू करने की मंजूरी देने से पहले यहां हुई बैठक में उन्होंने यह टिप्पणी की। इसमें भगोड़े अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आरोप लगा रहा है कि कोई नीरव ( मोदी ) और ( मेहुल ) चौकसी विदेश भाग गए। संसद में हम जल्द ही भगोड़े आर्थिक अपराधी विधेयक लाएंगे। ’’
सिंह ने कहा कि पहले आर्थिक अपराधी विदेश भाग जाया करते थे और उनकी संपत्तियों को जब्त नहीं किया जाता था लेकिन अब इस विधेयक के तहत उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा। यह विधेयक पहली बार 12 मार्च को लोकसभा में लाया गया था लेकिन बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार बने रहे गतिरोध और स्थगन के कारण यह पारित नहीं हो सका। यह विधेयक सरकार को उन घरेलू संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार देता है जिनके बारे में अदालत का मानना है कि वह भगोड़े आर्थिक अपराधियों की हैं
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