रक्षामंत्री राजनाथ ने इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री को दिया आश्वासन, कहा- लापता पनडुब्बी को खोजने में भारत करेगी मदद
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री से बात की।राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री जनरल प्रबोवो सुबिआन्तो से फोन पर बात की और पनडुब्बी नांग्गला एवं चालक दल के सदस्यों के लापता होने की खबर पर दुख साझा किया।
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को इंडोनेशिया के अपने समकक्ष जनरल प्रबोवो सुबिआन्तो से बातचीत की और उन्हें 53 लोगों के साथ लापता पनडुब्बी का पता लगाने में भारत के ‘पूर्ण समर्थन’ का विश्वास दिलाया। नौसेना की लापता पनडुब्बी का पता लगाने के लिए भारतीय नौसेना ने समुद्र की गहराई में बचाव अभियान चलाने में सक्षम अपने पोत भेजा है। ‘डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरवी) इंडोनेशियाई नौसेना की लापता पनडुब्बी की तलाश में मदद करने के लिए विशखापत्तनम से रवाना हो गया। पनडुब्बी ‘केआरआई नांग्गला-402’ बुधवार को उस समय लापता हो गई जब यह बाली जलडमरूमध्य में सैन्य अभ्यास पर थी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री जनरल प्रबोवो सुबिआन्तो से फोन पर बात की और पनडुब्बी नांग्गला एवं चालक दल के सदस्यों के लापता होने की खबर पर दुख साझा किया।
Spoke to the Defence Minister of Indonesia, General Prabowo Subianto over the phone and shared my pain over the news of missing submarine Nanggala and its crew members. India is extending its full support to the ongoing Indonesian rescue efforts.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 22, 2021
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भारत, इंडोनेशिया के बचाव प्रयासों में पूरा सहयोग दे रहा है।’’ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से जरूरत के समय में अपने सामरिक सहयोगियों की मदद को प्रतिबद्ध है और जनरल प्रबोवो सुबिआन्तो ने इसे स्वीकार किया और उनके देश को भारत के सहयोग की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने पहले ही भारतीय नौसेना को डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरबी) को इंडोनेशिया की ओर भेजने का निर्देश दिया है। मैंने भारतीय वायु सेना से हवाई मार्ग के जरिये डीएसआरबी शामिल करने की व्यवहार्यता देखने को कहा है। ’’ इससे पहले, भारतीय नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा कि भारत उन गिने चुने देशों में शामिल है जो डीएसआरबी के जरिये खराब पनडुब्बी की तलाश एवं बचाव कार्य करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय डीएसआरवी आधुनिकतम प्रौद्योगिकी से लैस है और समुद्र में समाने वाली पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए इसमें ‘सोनार’ उपकरण लगे हुए हैं। नौसेना की डीएसआरबी प्रणाली आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 1000 मीटर की गहराई में पनडुब्बी का पता लगा सकता है।
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