हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा की कार्यवाही, बैठक दिन भर के लिए स्थगित

rajya-sabha-disrupted-for-sixth-day-proceedings-adjourned
[email protected] । Feb 11 2019 6:08PM

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया।

नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल, प्रश्नकाल और राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा तथा अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया।

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। अरुणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ और समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन की खातिर यह विधेयक लाया गया है।

इसे भी पढ़ें: आरक्षण के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक 2019 पेश किया। इसी बीच तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये। कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपने स्थानों से ही नारेबाजी शुरू कर दी। शोरगुल के कारण कांग्रेस सदस्यों की मांग को नहीं सुना जा सका। कुछ सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति जताई। इस पर सभापति ने कहा कि इन विधेयकों को अभी केवल पेश किया जा रहा है।

सदन में सपा और बसपा के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत का मुद्दा उठाते हुये इस पर चर्चा कराने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपने एक विधायक की हत्या का मुद्दा उठाया। दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद नायडू ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन्हें स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। बहरहाल, हंगामा थमते न देख नायडू ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

इसे भी पढ़ें: CBI कार्रवाई के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, दिन भर के लिए बैठक स्थगित

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सूचित किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को सुबह दस बजे संसद के केन्द्रीय कक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र का अनावरण करेंगे। उन्होंने इस मौके पर सभी सदस्यों से उपस्थित रहने की अपील की। इसके बाद हरिवंश ने भाजपा के भूपेन्द्र यादव से राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा शुरू करने के लिये कहा। लेकिन इसी बीच विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करने लगे।

उपसभापति ने कहा कि सभापति ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिये नियम 267 के तहत दिए गए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिये। ऐसे में वह सभापति की अनुमति के बिना किसी भी विषय को उठाने की अनुमति नहीं दे सकते। तब तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने व्यवस्था का प्रश्न उठाने की मांग की। लेकिन उपसभापति ने सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण राय को यह प्रश्न उठाने की अनुमति नहीं दी। 

इसे भी पढ़ें: दोनों सदनों में TMC के हंगामे के बाद दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित

हंगामे के बीच उपसभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुये कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे उठाये जा रहे हैं जिन पर ना तो नोटिस दिया गया है ना ही इसकी कोई सूचना है। उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में सदन की कार्यवाही को सुचारु बनाने पर सहमति कायम होने के बावजूद बैठक को नहीं चलने देना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दो बज कर करीब पांच मिनट पर सदन की बैठक दिन भर के लिये स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले लगातार छह दिन से बैठक सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़