रमजान पर छाया कोरोना का साया, घरों में रहकर ही करें इबादत

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए कुछ दिनों बाद शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने के दौरान लोग लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने का पूरी तरह पालन करें।

कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस खतरे को देखते हुए कई राज्यों ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को देश को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार मंगलवार को लॉकडाउन को लगभग 2 हफ्तों के लिए बढ़ाने का फैसला ले सकती है। इस बीच मुसलमानों के पाक महीने की शुरूआत भी होने की वाली है। बताया जा रहा है कि 24 अप्रैल से रमजान का मुबारक महीना शुरू हो सकता है। 

कोरोना के बीच मुसलमानों के इस पवित्र महीने में तराहबीह की नमाज नहीं अदा हो पाएगी। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि रमजान का पाक महीना कोरोना की चपेट में आता हुआ दिखाई दे रहा है। 

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हाल ही में मुसलमानों की एक पवित्र रात गुजरी है। जिसे शब-ए-बारात के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग अल्लाह से पूरी रात दुआ मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों में रहकर ही अल्लाह की इबादत की थी। इतना ही नहीं सरकार ने और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से अपने घरों में ही रहकर नमाज अदा करने की अपील की थी। जिसका मुस्लिम ने पालन भी किया।

उल्लेखनीय है कि रमजान के पाक महीने में मुसलमानों के घरों में काफी रौनक देखने को मिलती है और पूरे महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। इस दौरान दिन में पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है और कुरान की तिलावत पढ़ी जाती है। 

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सामाजिक दूरी बनाए रखें

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए कुछ दिनों बाद शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने के दौरान लोग लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने का पूरी तरह पालन करें और अपने घरों में ही इबादत व इफ्तार करें। उन्होंने कहा कि लोग तराबी भी अपने घरों में पढ़े। तराबी रमजान के महीने में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज है। भारत में रमजान की शुरूआत 24 अथवा 25 अप्रैल से होगी।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मुसलमानों से रमजान के दौरान भी लॉकडाउन का पालन करने और दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने की खास दुआ करने की अपील करते हुए इस सिलसिले में एक परामर्श जारी किया है। 

 

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इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जारी परामर्श में कहा कि इबादतों से भरपूर रमजान का महीना ऐसे वक्त पड़ रहा है जब देश और पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है।

उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि आगामी 24 अप्रैल को रमजान उल मुबारक का चांद दिखाई पड़ेगा और 25 अप्रैल को पहला रोजा होगा। सभी मुसलमानों से गुजारिश है कि वे रमजान में भी लॉकडाउन का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। 

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गरीबों में बांटें इफ्तार में खर्च होने वाली रकम

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि जो लोग हर साल मस्जिद में गरीबों के लिए इफ्तारी का आयोजन करते थे, वे इसे इस साल भी करें लेकिन उस खाने को जरूरतमंदों में बांट दें। उन्होंने परामर्श में कहा कि इसके अलावा जो लोग हर साल रमजान में इफ्तार पार्टियां करते थे, वे भी इस पर खर्च होने वाली रकम या फिर उसके राशन को गरीबों में बांट दें। तमाम रोजेदार इस बात को सुनिश्चित करें कि रमजान के मुबारक महीने में कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।

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