अमित शाह से मिले रमन सिंह, छत्तीसगढ़ में कमल खिलाने पर बनी रणनीति

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अंकित सिंह । Aug 7 2018 3:12PM

बात देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की करें तो उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी गतिविधियां बढ़ा चुके हैं। अब बारी छत्तीसगढ़ की है।

साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधान सभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं। बात देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की करें तो उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी गतिविधियां बढ़ा चुके हैं। अब बारी छत्तीसगढ़ की है। सोमवार शाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच आगामी चुनावों के मद्देनजर विभिन्न विषयों पर चर्चा भी हुई। 

ऐसा माना जा रहा है कि अमित शाह आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते हैं। साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान CM की गौरव यात्रा और मध्य प्रदेश CM की जन आशीर्वाद यात्रा के तर्ज पर मुख्यमंत्री रमन सिंह भी ऐसी ही कोई यात्रा निकाल सकते हैं जिसे अमित शाह हरी झंडी दिखाने के लिए वहां पहुंचेंगे। भाजपा ने ऐसी यात्राएं निकाल कर जन संवाद बढ़ाने के योजना बनाई है।

बता दें कि राज्य में 2003 से रमन सिंह की सरकार है और उन्हीं के नेतृत्व में 2018 का भी चुनाव लड़ा जाएगा। ऐसे में अमित शाह और रमन सिंह के सामने सरकार के खिलाफ जो लोगों के मन नाकारात्मक भाव है उसे निकालना एक बड़ी चुनौती है। इसके अलवा राज्य का चुनाव 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में अमित शाह और उनकी पार्टी कोई भी जोखिम लिए बगैर 2019 के चुनावी रण में उतरना चाहेगी।

इससे पहले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने पर रमन सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार के इस कदम से सबका साथ, सबका विकास की भावना को मज़बूती मिली है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलना भी भाजपा की एक चुनावी चाल है जो आगामी चुनावों के मद्देनजर चली गई है। 

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