उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने रामायण को बताया मानव जाति की धरोहर
उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि रामायण लोगों को याद दिलाता है कि समाज और देशहित में काम करना लोगों का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि राम राज्य के साकार होने का इंतजार है।
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने रविवार को रामायण को संपूर्ण मानव जाति की धरोहर बताते हुए इस अमर महाकाव्य के संरक्षण, प्रचार और इसे लेकर लोगों की समझ बढ़ाने का आह्वान किया। नायडू ने कहा कि रामायण लोगों को दुनिया, समाज और परिवार के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह मनुष्य का मनुष्य से, धरती मां से, पक्षियों तथा पशुओं के साथ उसके संबंधों को भी परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि रामायण लोगों को याद दिलाता है कि समाज और देशहित में काम करना लोगों का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि राम राज्य के साकार होने का इंतजार है।
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उपराष्ट्रपति ने यह बातें यहां श्रीराम भारतीय कला केंद्र के नृत्य नाटिका श्रीराम के शुभारंभ के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं। उपराष्ट्रपति ने लोगों से कहा कि वे प्रतिदिन प्रदूषण को नियंत्रित करने, पानी की बचत करने या पर्यावरण के संरक्षण और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि राम राज्य के साकार होने का इंतजार है। हमारा सबसे छोटे से छोटा योगदान भी आदर्श रामराज्य को साकार करने में मदद करेगा, जो कि वास्तव में एक प्रबुद्ध नैतिक लोकतांत्रिक समाज है।
We have to perfect the art of living together. This is the true spirit of our ideal of Vasudhaiva Kutumbakam.
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 29, 2019
This is ideal of caring and sharing that is at the core of our philosophy. We have a duty to perform in the larger interest of the society and the country. #Ramayana pic.twitter.com/7RHKt39o50
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