रवीन्द्र नाथ महतो निर्विरोध चुने गये झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष, सीएम सोरेन का जताया आभार
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से महतो को बधाई दी। सोरेन ने बधाई संदेश में कहा कि आपके नेतृत्व में हमने पांचवीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रबींद्र नाथ महतो मंगलवार को लगातार दूसरी बार झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। उन्हें निर्विरोध चुना गया क्योंकि विपक्ष ने कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करने का फैसला किया था। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखा। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। झामुमो विधायक झारखंड विधानसभा के पिछले कार्यकाल के दौरान अध्यक्ष भी थे।
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मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से महतो को बधाई दी। सोरेन ने बधाई संदेश में कहा कि आपके नेतृत्व में हमने पांचवीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। आपने सदन की गरिमा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हमें आशा और पूर्ण विश्वास है कि पिछले सत्रों की तरह, हम इस राज्य के समग्र विकास के लिए लोकतंत्र के इस मंदिर में एकजुट होंगे। सोरेन ने विपक्षी नेताओं से लोगों के जनादेश का सम्मान करने और राज्य के विकास में रचनात्मक भूमिका निभाने का अनुरोध किया।
महतो ने एक्स पर लिखा कि सदन के नेता माननीय मुख्यमंत्री, सभी दलों के नेताओं और सदस्यों ने मेरे प्रति जो विश्वास व्यक्त किया है, उसके लिए हार्दिक आभार। मेरा प्रयास रहेगा कि सदन में संवाद को अधिक सशक्त बनाते हुए आम सहमति से राज्य के नागरिकों की आशाओं–अपेक्षाओं को पूरा करें। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा नेता माधव चंद्र महतो को 10,483 मतों के अंतर से हराने के बाद महतो ने झामुमो के टिकट पर नाला विधानसभा सीट बरकरार रखी।
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी ने भी विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर महतो को बधाई दी और अध्यक्ष से विपक्ष की बात सुनने का आग्रह किया क्योंकि वे सदन में वास्तविक मुद्दे और जानकारी लाते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से सुना जाना चाहिए। विधायक अक्सर सदन में ज्वलंत मुद्दे उठाते हैं लेकिन उसके बाद उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिलता है।
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