'JDU डूबता जहाज...', पार्टी से इस्तीफा देते हुए आरसीपी सिंह ने कहा- मेरी छवि खराब की जा रही

कभी नीतीश कुमार के बेहद करीब रहे जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने पार्टी पर जमकर निशाना भी साधा है। उन्होंने जदयू को साफ तौर पर डूबता हुआ जहाज बताया है। आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी में कुछ भी नहीं बचा हुआ है। आरसीपी सिंह ने इस बात को दोहराया कि अगर हमसे चिढ़ है तो आप हमसे निपटों। उन्होंने कहा कि हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। अगर आपको मुझसे नाराजगी है तो मुझसे निपटें।
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खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का जवाब भी उन्होंने दिया है। जदयू पर निशाना साधते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि आपने पार्टी में जांच एजेंसी बना रखी है क्या? नोटिस में लिखा है पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखने में शर्म आ रही है? इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मेरे पास जो भी संपत्ति है वो पेंशन से है। मैनें कभी कुछ नहीं खरीदा। आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे बच्चों को इसमें क्यों घसीटें? ... क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है? 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं। वे स्वतंत्र हैं। नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वह सात जन्मों में प्रधानमंत्री भी नहीं बनेंगे।
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इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह से जवाब मांगा था। सिंह का हाल में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से सदन के लिए नहीं भेजा।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था, जब कुमार केंद्रीय मंत्री थे। सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। सिंह ने कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में पहले पांच वर्षों के दौरान प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था। बाद में जद(यू) में सिंह का वर्चस्व बढ़ता गया, जिसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि उन्हें लगातार दो बार राज्यसभा भेजा गया। कुमार के बाद सिंह जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।
He (Nitish Kumar) won't even become the Prime Minister in seven lifetimes, let alone in this life: RCP Singh, when asked if Bihar CM Nitish Kumar wants to become the PM
— ANI (@ANI) August 6, 2022