'चिपकाने वाले बम' की बरामदगी से J&K में आतंकवाद के नए चरण के मिले संकेत, सुरक्षाकर्मी सतर्क

Jammu Kashmir

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ ने जम्मू क्षेत्र के सांबा सेक्टर में 14 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन से गिराए गए एक बम को जब्त किया था।

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर से पिछले महीने जब्त ‘चिपकने वाले बम’ की बरामदगी से राज्य के सुरक्षा प्रतिष्ठान काफी सतर्क हो गए हैं क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के नए चरण की शुरुआत की ओर संकेत है। यह जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ ने जम्मू क्षेत्र के सांबा सेक्टर में 14 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन से गिराए गए एक बम को जब्त किया था। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और उनका अनुमान था कि कुछ आईईडी कश्मीर घाटी में पहुंच चुके हैं। 

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अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन से गिराए गए हथियारों की खेप में छह पिस्तौल और 14 परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) थे जिनके अंदर चुंबक लगा हुआ था। इनका इस्तेमाल वाहनों पर चिपकने वाले बम के तौर पर किया जा सकता था और उन्हें टाइमर तथा रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह खेप द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) के लिए था जिसे लश्कर ए तैयबा समूह से जुड़ा हुआ माना जाता है। ‘चिपकने वाले बम’ का निश्चित तौर पर इस तरह की पहली बरामदगी थी जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान एवं इराक में होता आया है। भारत में इसका इस्तेमाल ईरान के संदिग्ध आतंकवादियों ने फरवरी 2012 में किया था। 

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उन्होंने इजरायल के एक राजनयिक की कार में बम चिपका दिया जिससे उनकी पत्नी जख्मी हो गई थीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बरामदगी कश्मीर में चिंता का विषय है और इस तरह के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही पर मानक संचालन प्रक्रियाओं में संशोधन की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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