बीजेपी और कांग्रेस को नहीं मिलेगा स्पष्ट बहुमत, क्षेत्रीय ताकतों का शासन होगा: रामा राव

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[email protected] । Apr 1 2019 2:45PM

तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कहा कि अब तक क्षेत्रीय दल कांग्रेस और भाजपा का समर्थन करते आये हैं लेकिन अब इस चलन को उलटने तथा राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव लाने का समय आ गया है।

विकाराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा और गैर-भाजपाई, गैर-कांग्रेसी मोर्चा जल्द हकीकत बनेगा। देश में 543 लोकसभा सीटों के लिये 11 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में बदलाव की बयार दिखेगी और क्षेत्रीय दलों के 160 से 170 सीटें जीतने तथा क्षेत्रीय ताकत के नेतृत्व करने की संभावना है। भाजपा और कांग्रेस को नुकसान होगा तथा वे क्रमश: 150 से 100 सीटों को पार नहीं कर पायेंगी।

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राव ने कहा कि अब तक क्षेत्रीय दल कांग्रेस और भाजपा का समर्थन करते आये हैं लेकिन अब इस चलन को उलटने तथा राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव लाने का समय आ गया है। टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव में प्रधानमंत्री बनने की सारी खूबियां और क्षमताएं हैं। राव ने कहा कि हमारे पास यानी गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपाई पार्टियों के पास 160-170 सांसद हैं। हो सकता है कि ऐसा भी समय आये जब कांग्रेस और भाजपा गठबंधन का नेतृत्व करने के बजाय उसको समर्थन देने का फैसला करें। क्षेत्रीय ताकतों को नेतृत्व करने दें।

उन्होंने कहा कि वास्तविक ताकत क्षेत्रीय पार्टियों के साथ है और भाजपा तथा कांग्रेस को समर्थ बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव गैर-कांग्रेसी तथा गैर-भाजपाई पार्टियों को एकसाथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। के. चंद्रशेखर राव केसीआर के नाम से मशहूर हैं। टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘क्या भाजपा अन्नाद्रमुक के समर्थन के बगैर तमिलनाडु में एक भी सीट जीत सकती है? फिर ये दोनों द्रविड़ दल अपनी ताकत और संसाधन राष्ट्रीय पार्टियों को क्यों देते हैं और उन्हें और बड़ा क्यों बनाते हैं?’

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कौन सी क्षेत्रीय पार्टियां ‘गैर-भाजपाई, गैर-कांग्रेसी’ मोर्चे में हैं, यह पूछे जाने पर राव ने कहा कि बातचीत जारी है और उचित समय आने पर सब खुलासा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अब तक एआईएमआईएम इसका हिस्सा है। ऐसी कई पार्टियां हैं जो न तो संप्रग और न ही राजग के साथ हैं, वे इसका हिस्सा बन सकती हैं। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक भाजपा के साथ तो द्रमुक कांग्रेस के साथ है। लेकिन कुछ अन्य भी हैं जो किसी खेमे में नहीं हैं।

राव ने आगे कहा कि सपा-बसपा गठबंधन संभवत: उत्तर प्रदेश में 80 में से 50-55 सीटें जीते जबकि तेलंगाना में टीआरएस को यकीन है कि वह यहां की 17 सीटों में से 16 सीट जीतेगी और एक सीट सहयोगी एआईएमआईएम के खाते में जायेगी। इसी तरह से पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के 30 के पार जाने और ओडिशा में बीजद के 20 सीट जीतने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सबकी सीटों को देखें तो हम कहीं न कहीं 120-130 सीटों के बीच हो सकते हैं। अगर अन्य भी हमारे साथ जुड़ते हैं तो यह 160-170 सीट तक पहुंच सकता है। ऐसे में राष्ट्रीय पार्टियों के पास हमारा समर्थन करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं होगा। कुछ भी हो सकता है। राव ने कहा कि केसीआर ने हालांकि साफ किया है कि वह संभावित प्रधानमंत्री नहीं हैं।

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