एस.के.नंदा की पुस्तक ‘एनवॉयरमेंट एज कैप्सूल’ का विमोचन

Release of S.K. Nanda''s book ''Environmental Age Capsule''
[email protected] । Feb 17 2018 4:21PM

शियन सेंटर फॉर साइंस एंड कल्चर में सेवानिवृत्त आईएएस एस.के.नंदा की पुस्तक ‘एनवॉयरमेंट एज कैप्सूल’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन थे।

नई दिल्ली। रशियन सेंटर फॉर साइंस एंड कल्चर में सेवानिवृत्त आईएएस एस.के.नंदा की पुस्तक ‘एनवॉयरमेंट एज कैप्सूल’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन थे। समारोह में देश के जाने-माने राजनीतिज्ञ, भारत सरकार के वरिष्ठ अफसर, न्यायाधीश, पर्यावरण विशेषज्ञ मौजूद थे।

कार्यक्रम का आगाज लोकप्रिय ओडिसी नृत्यांगना डॉ.चांदना राउल के शानदार नृत्य से हुआ। मुख्य अतिथि डॉ.हर्षवर्धन, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद प्रहलाद पटेल के साथ डॉ.नंदा ने दीप प्रज्जवलित किया। सबसे पहले कार्यक्रम के आयोजक संजय राय ने अतिथियों का स्वागत किया और डॉ. नंदा की पुस्तक के बारे में जानकारी दी। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखना बड़ी चुनौती है। एक तरफ हमें विकास करना है तो दूसरी तरफ ये भी सोचना है कि विकास के चक्कर में पर्यावरण को नुकसान न हो। उन्होंने इस बात से सहमति जताई कि आज के नौनिहालों को पर्यावरण के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी जा रही जबकि उन्हें स्कूल और घर में जागरूक करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी भागीदारी बढ़ानी होगी और निजी फायदे के लिए पर्यावरण को बिगाड़ने से बचना होगा। अन्यथा सभी को इसके दुष्परिणाम झेलने होंगे। उन्होंने डॉ. एस.के.नंदा को पुस्तक लिखने के लिए बधाई दी और कहा कि वे तो खुद पढ़ेंगे ही, सभी इस पुस्तक का लाभ उठाएं। निश्चित तौर पर इस पुस्तक में डॉ. नंदा ने लंबा समय दिया होगा और अथक मेहनत के बाद ये पुस्तक हमारे सामने है।

डॉ.नंदा ने कहा कि उन्होंने गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे कड़े फैसले किए जिससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिली। तमाम बाधाएं आईं, लेकिन हार नहीं मानी। आज हालत ये है कि हम इस गंभीर विषय को नजरअंदाज करते जा रहे हैं। यदि नहीं संभले तो आने वाले समय में पेड़ पौधे, पशु-पक्षी लुप्त हो जाएंगे। विकास की अंधी दौड़ में हम अपने जीवन के लिए जरूरी पर्यावरण को ही भूल गए हैं। खास तौर से आने वाली पीढ़ी को इस बारे में जागरूक नहीं कर रहे जिसका भारी नुकसान उन्हें होगा। आपको बता दें कि 1978 बैच के आईएएस डॉ.नंदा गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में गृह सचिव रहे। इसके अलावा सूचना एवं प्रसारण सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति,प्रमुख सचिव पर्यावरण एवं वन जैसे अहम पदों पर कार्यरत रहे। सेवानिवृत्ति के बाद भी सामाजिक कार्यों और पर्यावरण संतुलन को लेकर सक्रिय हैं।

  

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