धर्म के अनिवार्य हिस्से के बारे में लेना चाहिए धर्मगुरुओं को निर्णय: ओवैसी

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[email protected] । Sep 28 2018 8:41AM

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है कि नहीं’ मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया होता तो बेहतर होता।

हैदराबाद। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है कि नहीं’ मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया होता तो बेहतर होता। ओवैसी ने अयोध्या भूमि मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही। उन्होंने हालांकि कहा कि न्यायपालिका इस बात पर निर्णय नहीं ले सकती और न ही उसे यह निर्णय लेना चाहिए कि किसी धर्म का अनिवार्य अंग क्या है, बल्कि उस धर्म के धर्मगुरुओं को इस बारे में निर्णय लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। ओवैसी ने कहा, ‘तथ्य यह है कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है। एक मुसलमान होने के नाते मैं यह कह रहा हूं कि मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग है। कुरान में इसका उल्लेख है....जो बात मुझे हैरान कर रही है वह यह है कि जब तीन तलाक का मामला आया तो कुरान की आयतों का जिक्र किया गया लेकिन जब मस्जिद का मामला आया तो कुरान की आयतों को बिल्कुल भुला दिया गया।’ उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि यदि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है तो अन्य धर्म स्थलों के बारे में क्या राय है।

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