मध्यम से गंभीर कोविड-19 रोगियों को ही दी जाए रेमडेसिविर दवा: स्वास्थ्य मंत्रालय

Remdisivir

मंत्रालय ने यह भी कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य ऐसी बीमारियां हैं, उन्हें गंभीर बीमारी का अधिक जोखिम है। दिशानिर्देशों के अनुसार कोरोना वायरस रोगियों को हल्के, मध्यम और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों में वर्गीकृत किया गया है।

नयी दिल्ली|  केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि रेमडेसिविर दवा केवल ‘मध्यम से गंभीर’ कोविड-19 रोगियों को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर दी जानी चाहिए और ऐसे रोगियों को गुर्दे या यकृत संबंधी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

सरकार ने ऐसे रोगियों को दवा नहीं देने को कहा है जो ऑक्सीजन पर नहीं हैं या घर में रहकर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।

वयस्क रोगियों में संक्रमण के प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी क्लीनिकल दिशानिर्देश के अनुसार रेमडेसिविर दवा केवल ‘मध्यम से गंभीर’ कोविड-19 रोगियों को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर देने को कहा गया है जिन्हें गुर्दे या यकृत संबंधी कोई समस्या नहीं हो।

दिशानिर्देशों के अनुसार गंभीर रोग की स्थिति में टोसिलिजुमाब दवा के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है जिसमें गंभीर बीमारी शुरू होने और आईसीयू में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के भीतर प्राथमिकता दी जाए।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य ऐसी बीमारियां हैं, उन्हें गंभीर बीमारी का अधिक जोखिम है। दिशानिर्देशों के अनुसार कोरोना वायरस रोगियों को हल्के, मध्यम और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों में वर्गीकृत किया गया है।

इनमें कहा गया है कि हल्की बीमारी वालों के लिए घर में पृथक-वास में रहने और देखभाल की सिफारिश की गयी है, वहीं मध्यम स्तर के संक्रमण से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में वार्ड में भर्ती करने तथा गंभीर संक्रमण वालों को आईसीयू में भर्ती करने की सिफारिश की गयी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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