स्वतंत्रता दिवस पर संविधान की रक्षा का संकल्प लें : वाम दल
बयान में दलों ने लोगों से भारत कोअमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बनाने के खिलाफ भी विरोध करने की अपील की। वाम दलों ने कहा, यह भारत और हमारे लोगों के हितों में नहीं है।
बयान के मुताबिक, इसी के साथ, सांप्रदायिक धुव्रीकरण को तेज किया जा रहा है और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। संसद से लेकर न्यायपालिका, न्यायाधीश, चुनाव आयोग, सीबीआई, ईडी आदि हर संवैधानिक संस्था पर हमला हुआ है, उसकी आजादी को कमतर किया गया है।” बयान मेंकहा गया है कि लोगों को संविधान की रक्षा करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है। वाम दलों ने यह भी आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमले हुए हैं और सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ असंतोष की कोई भी अभिव्यक्ति को राष्ट्र विरोधी बताया जाता है और लोगों, कार्यकर्ताओं तथा प्रबुद्ध लोगों के खिलाफ यूएपीए, राजद्रोह तथा अन्य कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि हमारे संविधान की मूल विशेषता संघवाद के सिद्धांतों को नकारते हुए केंद्र सरकार में सभी शक्तियों और अधिकारों को केंद्रीकृत करने का प्रयास हो रहा है। वाम दलों ने कहा, “इन परिस्थितियों में यह जरूरी हो जाता है किलोग हमारे संविधान और इसके तहत लोगों को मिली गारंटी की रक्षा के लिए एक जुट हों और इस तरह भारत की स्वतंत्रता को मजबूत करें।“Distressed farmers are committing suicide because of the debt burden; expecting them to take more loans reflects Modi's disconnect with the ground realities. What they need is urgent cash transfer.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 10, 2020
इसे भी पढ़ें: केरल कांग्रेस के नेता ने राम मंदिर पर प्रियंका-राहुल के बयान को धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्धता बताया
बयान में दलों ने लोगों से भारत कोअमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बनाने के खिलाफ भी विरोध करने की अपील की। वाम दलों ने कहा, यह भारत और हमारे लोगों के हितों में नहीं है। भारत को अपनी आज़माईहुई स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करना चाहिए। भारत को अपनी विदेश नीति में सुधार करना चाहिए। अमेरिका या अमेरिका इजरायल की विदेश नीति का निर्वाह भारतीय संप्रभुता को कमजोर करता है और आत्मनिर्भर भारत को नकारता है। बयान पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, एआईएफबी के महासचिव देबव्रत बिस्वास, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (एमएल)-लिबरेशन के महासचिव दिपांकर भट्टाचार्य और आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं।
अन्य न्यूज़