स्वतंत्रता दिवस पर संविधान की रक्षा का संकल्प लें : वाम दल

Left parties

बयान में दलों ने लोगों से भारत कोअमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बनाने के खिलाफ भी विरोध करने की अपील की। वाम दलों ने कहा, यह भारत और हमारे लोगों के हितों में नहीं है।

नयी दिल्ली। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर संविधान के तत्वों को आक्रामक तरीके से खोखला करने का आरोप लगाते हुए वाम दलों ने लोगों से अपील की कि वे इस स्वतंत्रता दिवस संविधान की रक्षा करने का संकल्प लें। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनीनवादी)- लिबरेशन, रेवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक ने एक संयुक्त बयान में लोगों से संविधान पर कथित हमले के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की है। बयान में कहा गया है, स्वतंत्रता दिवस पर हमारे संविधान की रक्षा करने और भारत की आजादी को मजबूत करने का संकल्प लें।कोविड-19 महामारी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सिर्फ महामारी से निपटने पर तवज्जो देने और लोगों को राहत देनेके बजायआरएसएस नीत भाजपा की केंद्र सरकार आक्रामक तरीके से भारतीय संविधान के तत्वों को कमजोर कर रही है। बयान के मुताबिक, इसी के साथ, सांप्रदायिक धुव्रीकरण को तेज किया जा रहा है और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। संसद से लेकर न्यायपालिका, न्यायाधीश, चुनाव आयोग, सीबीआई, ईडी आदि हर संवैधानिक संस्था पर हमला हुआ है, उसकी आजादी को कमतर किया गया है।” बयान मेंकहा गया है कि लोगों को संविधान की रक्षा करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है। वाम दलों ने यह भी आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमले हुए हैं और सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ असंतोष की कोई भी अभिव्यक्ति को राष्ट्र विरोधी बताया जाता है और लोगों, कार्यकर्ताओं तथा प्रबुद्ध लोगों के खिलाफ यूएपीए, राजद्रोह तथा अन्य कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि हमारे संविधान की मूल विशेषता संघवाद के सिद्धांतों को नकारते हुए केंद्र सरकार में सभी शक्तियों और अधिकारों को केंद्रीकृत करने का प्रयास हो रहा है। वाम दलों ने कहा, “इन परिस्थितियों में यह जरूरी हो जाता है किलोग हमारे संविधान और इसके तहत लोगों को मिली गारंटी की रक्षा के लिए एक जुट हों और इस तरह भारत की स्वतंत्रता को मजबूत करें।“ 

इसे भी पढ़ें: केरल कांग्रेस के नेता ने राम मंदिर पर प्रियंका-राहुल के बयान को धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्धता बताया

बयान में दलों ने लोगों से भारत कोअमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बनाने के खिलाफ भी विरोध करने की अपील की। वाम दलों ने कहा, यह भारत और हमारे लोगों के हितों में नहीं है। भारत को अपनी आज़माईहुई स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करना चाहिए। भारत को अपनी विदेश नीति में सुधार करना चाहिए। अमेरिका या अमेरिका इजरायल की विदेश नीति का निर्वाह भारतीय संप्रभुता को कमजोर करता है और आत्मनिर्भर भारत को नकारता है। बयान पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, एआईएफबी के महासचिव देबव्रत बिस्वास, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (एमएल)-लिबरेशन के महासचिव दिपांकर भट्टाचार्य और आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़