राष्ट्रपति के काफिले से पहले एम्बुलेंस को रास्ता देने वाले पुलिसकर्मियों को इनाम
बेंगलुरू के दो पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के काफिले से पहले एक एम्बुलेंस को जाने देने के त्वरित निर्णय के लिए विभाग से खूब तारीफें बटोरीं और उन्हें इसके लिए इनाम दिया गया है।
बेंगलुरू। बेंगलुरू के दो पुलिसकर्मियों ने हाल ही में यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के काफिले से पहले एक एम्बुलेंस को जाने देने के त्वरित निर्णय के लिए विभाग से खूब तारीफें बटोरीं और उन्हें इसके लिए इनाम दिया गया है। पुलिस विभाग में करीब 38 साल से सेवारत ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर एमएल निजलिंगप्पा 17 जून को इस घटना वाले दिन अपने मातहत काम करने वाले विश्वनाथ वासन के साथ शहर के व्यस्त ट्रिनिटी जंक्शन पर तैनात थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब दोनों पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रपति के काफिले के लिए रोके गए ट्रैफिक में एक निजी अस्पताल की ओर जा रही एम्बुलेंस को फंसा हुआ देखा तो उन्होंने त्वरित निर्णय लेते हुए एम्बुलेंस को जाने की अनुमति दी। उन्होंने यह फैसला तब लिया जब राष्ट्रपति का काफिला जंक्शन से महज़ कुछ मिनटों की दूरी पर था। बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस ने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिखा, 'पीएसआई-8, उल्सूर के निजलिंगप्पा ने ट्रिनिटी जंक्शन में भारत के राष्ट्रपति के काफिले से पहले एम्बुलेंस को जाने की अनुमति दी और उन्हें भारत के प्रथम नागरिक से पहले एम्बुलेंस को जाने की अनुमति देने के लिए इनाम दिया गया है।'
निजलिंगप्पा और विश्वनाथ की उनकी सूझ बूझ और त्वरित निर्णय लेने के लिए सोशल मीडिया पर काफी प्रशंसा की जा रही है। शहर के पुलिस आयुक्त प्रवीन सूद ने दोनों पुलिसकर्मियों को इनाम दिया। सूद ने कहा, 'यह उतना आसान नहीं है जितना दिखता है। मौके पर स्थिति जितनी दिखती है उससे अधिक जटिल है। इसके किसी भी तरह के परिणाम हो सकते थे।' राष्ट्रपति बेंगलुरू में मेट्रो रेल के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए यहां आए थे। शहर के ट्रैफिक पुलिस के लिए यह घटना एक सकारात्मक संकेत के तौर पर आई है जिसकी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के काफिले के लिए एम्बुलेंस रोकने के लिए गंभीर आलोचना की गई थी। इसके बाद शहर के पुलिस प्रमुख ने सख्त निर्देश जारी करते हुए एम्बुलेंस की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए कहा था।
अन्य न्यूज़