बिहार के लिए विशेष दर्जा: RJD और JDU के बीच खिंची तलवार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जोर देने के साथ ही राज्य का राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जोर देने के साथ ही राज्य का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राजद ने सोशल मीडिया पर उनकी पैरोकारी का मजाक उड़ाया जिसपर सत्तारुढ़ जदयू ने यह दावा करते हुए उस पर पलटवार किया कि उसे इस मुद्दे की बारीकियां मालूम नहीं है। कुमार ने कल ट्विटर पर राज्य के लिए विशेष दर्जे की अपील की थी जो ‘निजी निवेश के लिए उत्प्रेरक की भांति काम करेगा’ और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। विशेष राज्य के दर्जे की मांग कुमार पहले भी उठाते रहे हैं। 2013 में राजग से हटने से पहले जब वह भाजपा के साथ थे तब भी उन्होंने कांग्रेस नीत संप्रग के शासनकाल में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने इस मांग के समर्थन में पटना और दिल्ली में बड़ी रैलियां की थीं। यह मुद्दा हाल ही में एक बार फिर सामने आया जब तेदेपा आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर राजग से बाहर आ गयी।
नयी पैरोकारी पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज कहा कि कुमार को सोशल मीडिया पर पैरोकारी करने के बजाय इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिए। हालांकि कुमार की अगुवाई वाले जदूय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 वें वित्त आयाग से बिहार के लिए जो सहायता मांगी थी, विशेष दर्जा उसका महज एक हिस्सा है। लालू प्रसाद के छोटे बेटे यादव ने कहा, ‘‘कुमार उस गठबंधन का हिस्सा हैं जो केंद्र में सत्ता में भी है। वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सीधे बात करने की स्थिति में हैं। वह इस लंबे विमर्श, जो किसी को संबोधित नहीं है, से क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, मुख्यमंत्री बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे पर किससे फैसले की उम्मीद करते हैं। क्या वह इस मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं?’’ मुख्यमंत्री के करीबी और जदयू महासचिव आर सी पी सिंह ने कहा कि जदयू प्रधानमंत्री से अपील नहीं कर रहा है, यह वित्त आयोग है जिसे विशेष दर्जे के मुद्दे पर फैसला करना है। सिंह ने कहा, ‘‘विशेष दर्जा देने में मुश्किल 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों की वजह से उठ रही है। हम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा गठित 15 वें वित्त आयोग के सामने अपना पक्ष रखने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष बारीकियां समझने में असमर्थ है और उसने विशेष दर्जे का मुद्दा इसलिए लपक लिया क्योंकि उसे आकर्षक लगता है।’’
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