शामली में उठ रहे विरोध के स्वर, RLD ने बिजेंद्र मलिक को नजरअंदाज कर प्रसन्न चौधरी को दिया टिकट, बुलाई गई पंचायत

Jayant Chaudhary
प्रतिरूप फोटो

शामली से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार कतार में खड़े थे लेकिन रालोद ने प्रसन्न चौधरी को टिकट दिया है। जिससे नाराज होकर पार्टी के पूर्व उम्मीदवार बिजेंद्र मलिक किवाना ने शुक्रवार को पंचायत बुलाई। इस दौरान पूर्व उम्मीदवार बिजेंद्र मलिक किवाना ने प्रसन्न चौधरी को टिकट दिए जाने का विरोध किया।

नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने गठबंधन के तहत गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में शामली सीट से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार का ऐलान किया गया था। लेकिन इस सीट को लेकर कोहराम मच गया है। आपको बता दें कि शामली से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार कतार में खड़े थे लेकिन रालोद ने प्रसन्न चौधरी को टिकट दिया है। जिससे नाराज होकर पार्टी के पूर्व उम्मीदवार बिजेंद्र मलिक किवाना ने शुक्रवार को पंचायत बुलाई। 

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रालोद प्रमुख का हो रहा विरोध

इस दौरान पूर्व उम्मीदवार बिजेंद्र मलिक किवाना ने प्रसन्न चौधरी को टिकट दिए जाने का विरोध किया। दरअसल, प्रसन्न चौधरी भाजपा से छोड़कर रालोद में शामिल हुए थे। जिन्हें पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी ने उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में बिजेंद्र मलिक किवाना समेत कई लोग पार्टी प्रमुख के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की शामली सीट जाट वोटरों का गढ़ मानी जाती है लेकिन चुनाव से पहले ही रालोद को अपने नेताओं का विरोध सहना पड़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिजेंद्र मलिक किवाना द्वारा बुलाई गई पंचायत में कई नेताओं ने प्रसन्न चौधरी का विरोध किया। जिला पंचायत सदस्य अरविंद पवार ने कहा कि बिजेंद्र मलिक और उनके समर्थक पिछले 5 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और सभी लोग पार्टी के संघर्ष में एकसाथ रहे लेकिन पार्टी ने चौधरी अजित सिंह के चुनाव में हारने पर मिठाई बांट चुके लोगों को टिकट दिया। 

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आपको बता दें कि बिजेंद्र मलिक किवाना ने रालोद की टिकट पर शामली से साल 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें हार मिली थी। पिछले चुनाव को याद करते हुए बिजेंद्र मलिक किवाना ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि जब पार्टी को कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था तब मैंने हार वाला चुनाव लड़ा था। उस वक्त चौधरी अजित सिंह ने मुझसे कहा था कि तुम पार्टी के लिए हार वाला चुनाव लड़ रहे हो, ऐसे में जीत वाला चुनाव भी तुम ही लड़ोगे।

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