ब्रह्मपुत्र में 7,000 करोड़ की लागत से पहली बार बनाई जाएंगी अंडर टनल
रणनीतिक रूप से अहम मानी जाने वाली मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का उद्देश्य जमुरीहाट-सिलघाट एक्सिस के माध्यम से उत्तरी असम, तवांग और अरुणाचल प्रदेश के बाकी हिस्सों की ओर रेल और राजमार्ग नेटवर्क को एकीकृत करना है।
सड़क एवं रेल मंत्रालय और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) असम में शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र में देश की पहली पानी के नीचे सड़क-सह-रेल सुरंगों के निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। योजना के अनुसार, तीन समानांतर सुरंगें होंगी - एक सड़क के लिए, दूसरी रेल के लिए और तीसरी आपातकालीन उपयोग के लिए। प्रत्येक सुरंग 9.8 किमी की होगी और यह पहली परियोजना होगी जहां एकीकृत सुरंग निर्माण किया जाएगा। किसी भी आपात स्थिति में निकासी के लिए इन सुरंगों को क्रॉस पैसेज से जोड़ा जाएगा।
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्टेशन रणनीतिक रूप से काफी अहम
रणनीतिक रूप से अहम मानी जाने वाली मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का उद्देश्य जमुरीहाट-सिलघाट एक्सिस के माध्यम से उत्तरी असम, तवांग और अरुणाचल प्रदेश के बाकी हिस्सों की ओर रेल और राजमार्ग नेटवर्क को एकीकृत करना है। इसका उपयोग नागरिक और सामरिक दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। अनुमान के मुताबिक सरकार इन सुरंगों पर करीब 7,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे पहले सड़क परिवहन मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी एनएचआईडीसीएल ने केवल वाहनों के लिए जुड़वां सुरंगों का प्रस्ताव रखा था और 12,800 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया था।
परियोजना को रक्षा मंत्रालय द्वारा फंड किया जा सकता
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