जालियांवाला बाग के शहीदी कुएं से चोरों ने उड़ाए 3,000 रूपए
चोरों ने जालियांवाला बाग के शहीदी कुएं से करीब 3,000 रूपए चुरा लिए। साल 1919 में जालियांवाला बाग कांड के दौरान अंग्रेज सेना की गोलीबारी से बचने के लिए सैंकड़ों लोग इस कुएं में कूद गए थे।
अमृतसर। एक चौंकाने वाली घटना में चोरों ने जालियांवाला बाग के शहीदी कुएं से करीब 3,000 रूपए चुरा लिए। साल 1919 में कुख्यात जालियांवाला बाग कांड के दौरान अंग्रेज सेना की गोलीबारी से बचने के लिए सैंकड़ों लोग इस कुएं में कूद गए थे। अमृतसर के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि 15 फुट गहरे इस कुएं में दाखिल होने के लिए चोरों ने एक रस्सी का इस्तेमाल किया। कुएं की खिड़की में लगी छड़ें तोड़कर वे इसमें दाखिल हुए।
उन्होंने कहा, 'एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। ऐसा लगता है कि दो छोटे-मोटे चोर इस घटना में शामिल थे। उन्होंने कुएं से करीब 3,000 रूपए चुराए जिनमें मुख्य रूप से सिक्के थे।' श्रीवास्तव ने कहा कि कुएं के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है और इस जगह की सुरक्षा के लिए अधिकारियों ने एक पहरेदार की नियुक्ति की थी। जालियांवाला बाग में घूमने आने वाले लोग 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश कर्नल रेगिनाल्ड डायर के आदेश पर की गयी फायरिंग में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कुएं में सिक्के और नोट दान करते हैं। अधिकारी के मुताबिक, पहरेदार ने पुलिस को बताया कि उसे मंगलवार रात किसी गतिविधि का पता नहीं चला और उसने आज सुबह चोरों की ओर से इस्तेमाल में लायी गयी रस्सी देखी। उसने बताया कि शहीदी कुआं कई साल से सूखा पड़ा है।
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