आरएसएस मानहानि: भिवंडी की अदालत में पेश हुए राहुल
महाराष्ट्र में भिवंडी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़े आरएसएस मानहानि मामले में उनका बयान दर्ज करने की कार्यवाही आज तीन मार्च के लिए स्थगित कर दी।
भिवंडी। महाराष्ट्र में भिवंडी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़े आरएसएस मानहानि मामले में उनका बयान दर्ज करने की कार्यवाही आज तीन मार्च के लिए स्थगित कर दी। मजिस्ट्रेट तुषार वाजे ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए कहा, ‘‘उनका (राहुल का) बयान दर्ज करने (जो आरोप निर्धारण के समतुल्य है) के लिए मंजूर की गयी तारीख तीन मार्च है।’’ स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते ने लोकसभा चुनाव से पहले 6 मार्च, 2014 को भिवंडी में राहुल द्वारा दिए गए बयान को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
रैली में राहुल ने कथित रूप से दावा किया था, ‘‘आरएसएस के लोगों ने गांधी की हत्या की।’’ स्थगन से पहले राहुल के वकील अशोक मुंदर्गी और नारायण अय्यर ने अदालत से कहा कि उन्हें संबंधित अखबार (जिसने कांग्रेस नेता पर खबर प्रकाशित की थी) की प्रति नहीं मिली है, उन्हें बस उसक कतरन मिली है। मुंदर्गी ने अदालत से कहा कि वह पूरे दस्तावेज को पढ़ेंगे और बयान दर्ज करने से पहले यदि जरूरत महसूस हुई तो दलीलें देंगे। उसके बाद उन्होंने अय्यर के साथ मिलकर स्थगन आवेदन दिया। वैसे शिकायतकर्ता के वकील नंदु फाडके ने कहा कि आज ही राहुल का बयान दर्ज किया जा सकता है लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच राहुल गांधी दोपहर साढ़े 12 बजे अदालत पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, संजय निरूपम और अन्य पार्टी समर्थक थे।
बाद में राहुल ने अदालत के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है जिसने गांधीजी को मार डाला। मैं गांधीजी को स्मरण करता हूं। मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है जिसने खादी के पोस्टरों से उनका पोस्टर हटा डाला।’’ चुनाव वाले राज्य गोवा जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘गांधजी हर भारतीय के दिल में बसते हैं। उनकी हत्या कर दी गयी लेकिन उनके विचारों को नहीं मिटाया जा सकता।’’ नवंबर में पिछली सुनवाई के दौरान भिवंडी की इस अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल के जमानतकर्ता बनने के बाद राहुल को जमानत दी थी।
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