कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, तीसरे दिन भी प्रभावित हुई बस सेवाएं
सभी चार परिवहन निगम के अधिकतर कर्मचारियों के काम पर ना आने के कारण, बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में ज्यादातर सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिससे यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज के क्षेत्रों में और कार्यालय जाने वाले लोग इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से सरकार ने निजी परिवहन संचालकों की सेवाएं लेकर तथा कुछ विशेष ट्रेनें चलाने का प्रबंध किया। निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब और अन्य परिवहन वाहन भी राज्य के कई हिस्सों में चलते नजर आए। मेट्रो ने भी अपनी सेवाएं बढ़ाकर सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक कर दी हैं। कई निजी संचालकों ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लगाने की धमकी के बाद आरटीसी के कुछ कर्मचारी काम पर लौट आए और कुछ स्थानों पर बसें सड़कों पर चलीं। परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव अंजुम परवेज ने बृहस्पतिवार को बताया था कि अस्थायी व्यवस्था के तौर पर पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों से सेवा पर वापस आने का अनुरोध किया गया है।Karnataka: Bus services remain affected in Kalaburagi for the third day as Karnataka State Road Transport Corporation (KSRTC) employees go on an indefinite strike over their demand for revision of salary. pic.twitter.com/OPp0hTrQQL
— ANI (@ANI) April 9, 2021
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उन्होंने कहा, ‘‘ उनका शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है और उनकी आंखों की जांच भी की जाएगी।’’ उन्होंने कर्मचारियों से भी काम पर वापस आने का अनुरोध किया, क्योंकि सरकार ने उनकी नौ मांगों में से आठ मांगें मान ली हैं और अंतरिम राहत के तौर पर आठ प्रतिशत वेतन वृद्धि का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल की वजह से हर दिन करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि बीएमटीसी, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी), उत्तरी पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) और उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) के कर्मियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी लीग के बैनर तले सात अप्रैल से हड़ताल का आह्वान किया था।
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