लोकतंत्र के अंदर आरटीआई एक्ट एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है: अमित शाह
अमित शाह ने काह कि दुनियाभर की सरकारें सूचना के अधिकार का कानून बना के रुक गई है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। नरेन्द्र मोदी सरकार में हम ऐसा प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना अधिकार के आवेदन कम से कम आए।
केंद्रीय सूचना आयोग के 14वे वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने काह कि जिस प्रकार से RTI एक्ट की कल्पना की गई होगी उसे लगभग अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में हमारा देश सफल रहा है। आरटीआई एक्ट का मूल प्रावधान व्यवस्था के अंदर जनता का विश्वास खड़ा करना है। ये विश्वास जनता में जागृत करना यही इस कानून का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही ये दोनों ऐसे अंग हैं जिसके आधार पर ही अच्छा प्रशासन और सुशासन हम दे सकते हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों को आगे बढ़ाने के लिए आरटीआई एक्ट ने बहुत बड़ी सहायता की है। हमारे देश में जरूरी था कि लोगों का विश्वास शासन व व्यवस्था में बने और लोगों की सहभागिता भी व्यवस्था के अंदर आए। आजादी के पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इसके कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी।
हमारे देश में जरूरी था कि लोगों का विश्वास शासन व व्यवस्था में बने और लोगों की सहभागिता भी व्यवस्था के अंदर आए।
— BJP (@BJP4India) October 12, 2019
आजादी के पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इसके कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी: गृह मंत्री श्री @AmitShah pic.twitter.com/KoVYgvbIVI
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पिछले 14 साल में आरटीआई एक्ट के कारण जनता और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में बहुत मदद मिली है और जनता का प्रशासन व व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है। मैं मानता हूं कि हमारी लोकतंत्र की यात्रा के अंदर आरटीआई एक्ट बहुत बड़ा मील का पत्थर है। हमारी निरंतर चलने वाली लोकतांत्रिक यात्रा का एक मील का पड़ाव है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सर्वप्रथम ऐसा देश है जो नीचे तक सूचना तंत्र की रचना करने में सफल हुआ है और एक जवाबदेह सूचना तंत्र का गठन कर पाया है। केंद्रीय सूचना आयोग से लेकर हर राज्य में सूचना आयोग की स्थापना की गई है। इस अधिनियम के तहत लगभग 5 लाख से ज्यादा सूचना अधिकारी इस कानून का निर्वहन कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने के मामले में कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी
अमित शाह ने काह कि दुनियाभर की सरकारें सूचना के अधिकार का कानून बना के रुक गई है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। नरेन्द्र मोदी सरकार में हम ऐसा प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना अधिकार के आवेदन कम से कम आए। लोगों को आरटीआई का उपयोग करने की जरूरत ही न पड़े ऐसी व्यवस्था हम देना चाहते हैं। स्थिति ऐसी बने कि लोगों को आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि सरकार खुद सामने आकर सूचनाएं दे, ऐसी व्यवस्था हो। सूचना का अधिकार का जब कानून बना तब ढेर सारी आशंकाएं व्यक्त की जाती थी। 2016 में जब कानून की स्टडी मैंने की तो मुझे भी लगा की इसका दुरुपयोग हो सकता है। लेकिन आज हम कह सकते हैं कि दुरुपयोग बहुत कम हुआ है और सदुपयोग बहुत ज्यादा हुआ है।
अन्य न्यूज़