पीपीपी माध्यम से ट्रेनों के परिचालन से मौजूदा यात्री गाड़ी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी : केंद्र

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सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रेल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए 12 ‘क्लस्टरों’ पर 151 रेलगाड़ियों (रेक) को चलाने के लिए निजी भागीदारी की खातिर बोलियां आमंत्रित की हैं।

नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रेल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए 12 ‘क्लस्टरों’ पर 151 रेलगाड़ियों (रेक) को चलाने के लिए निजी भागीदारी की खातिर बोलियां आमंत्रित की हैं। इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि पीपीपी माध्यम से ट्रेनों के परिचालन से मौजूदा यात्री गाड़ी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘ क्षमता में कमी के कारण 2019-20 में प्रतीक्षा सूची यात्रियों की संख्या में लगभग पांच करोड़ की कमी पायी गई।

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इस कमी को पूरा करने के लिए, भारतीय रेल वंदे भारत, तेजस, एलएचबी, विस्टाडोम आदि प्रकार के सवारी डिब्बों का उत्पादन पहले से ही बढ़ा रही है।’’ उन्होंने कहा कि रेलवे ने पीपीपी माध्यम से 151 रेलगाड़ियों को चलाने के लिए निजी भागीदारी हेतु बोलियां आमंत्रित की हैं तथा मौजूदा यात्री गाड़ी सेवाएं पीपीपी माध्यम से गाड़ी सेवाओं के परिचालन से प्रभावित नहीं होंगी और ये सेवाएं मौजूदा गाड़ी सेवाओं के अतिरिक्त होंगी।

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पीपीपी परियोजना के लिए सभी 12 क्लस्टरों की खातिर वित्तीय बोलियां 23 जुलाई 2020 को खोली गईं। उन्होंने कहा कि बोली प्रक्रिया के जरिए चयनित रियायत पाने वाले को मसौदा रियायत करार के अनुसार नियुक्ति की तारीख से 930 दिनों की अवधि के भीतर गाड़ी का प्रोटोटाइप चालू करना अपेक्षित होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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