अफगानिस्तान को लेकर भारत की क्या है नीति? संयुक्त राष्ट्र की बैठक में विदेश मंत्री ने कही बड़ी बाते
जयशंकर ने अफगानिस्तान में मानवीय हालात पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा अफगानिस्तान एक अहम और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी के रूप में वहां के घटनाक्रम पर नजर रख रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत की नीति क्या है, इसको लेकर लगातार विपक्षी दल सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। देश के लोग भी यह जानना चाहते हैं कि वर्तमान में जो अफगानिस्तान की स्थिति है उसको लेकर भारत सरकार की नीति क्या है? इसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुछ बातें कही हैं। एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का सतत समर्थन किया है। जयशंकर ने अफगानिस्तान में मानवीय हालात पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा अफगानिस्तान एक अहम और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी के रूप में वहां के घटनाक्रम पर नजर रख रहा है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक एस जयशंकर ने कहा कि पहले भी हमने अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता में सहयोग किया है। इसमें पिछले दशकों में 1 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध कराना है। पिछले साल हमने अफगानिस्तान को 75,000 मिट्रीक टन गेहूं की मदद दी। उन्होंने आगे कहा कि अफगान लोगों की मदद करने के भारत के प्रयास प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रहे हैं। हमारी मित्रता भारतीय विकास परियोजनाओं में दिखाई पड़ रही है जो आज सभी 34 प्रांतों में हैं। हमने अफगानिस्तान के लोगों की भलाई के लिए 3 बिलियन डालर से अधिक का निवेश किया है।अफगान लोगों की मदद करने के भारत के प्रयास प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रहे हैं। हमारी मित्रता भारतीय विकास परियोजनाओं में दिखाई पड़ रही है जो आज सभी 34 प्रांतों में हैं। हमने अफगानिस्तान के लोगों की भलाई के लिए 3 बिलियन डालर से अधिक का निवेश किया है: विदेश मंत्री एस. जयशंकर https://t.co/i7GzhLcgAS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 13, 2021
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विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन है। यात्रा और सुरक्षित आवाजाही का मुद्दा मानवीय सहायता में अवरोध बन सकता है जिसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए।
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