जयशंकर का चीनी विदेश मंत्री को सख्त संदेश, एकतरफा परिवर्तन स्वीकार्य नहीं, सैनिकों की बैठक बुलाने पर बनी सहमति
दुशांबे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर चीन के स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ बकाया मुद्दों पर केंद्रित थी।
विदेश मंत्री एस.जयंशकर दो दिवसीय तजाकिस्तान दौरे पर हैं। अपने दौरे के पहले दिन विदेश मंत्री ने भारत-अफ्रीका परियोजना साझेदारी पर सीआईआई- एक्जिम बैंक कॉन्क्लेव को संबोधित किया। वहीं दूसरे दिन उन्हें शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद और अफगानिस्तान पर एससीओ संपर्क समूह की बैठक में हिस्सा लेना था। इस दौरान उन्होंने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की।
दुशांबे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर चीन के स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ बकाया मुद्दों पर केंद्रित थी।
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यथास्थिति का एकतरफा परिवर्तन स्वीकार्य नहीं- एस.जयशंकर
बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने चीन संग सीमा विवाद पर सख्त लहजे में इस बात पर प्रकाश डाला कि यथास्थिति का एकतरफा परिवर्तन स्वीकार्य नहीं है। हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली और रखरखाव आवश्यक है। इसके साथ ही वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की शीघ्र बैठक बुलाने पर सहमति बनी।
Concluded a one-hour bilateral meeting with State Councilor and FM Wang Yi of China on the sidelines of Dushanbe SCO Foreign Ministers Meeting.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2021
Discussions focused on the outstanding issues along the LAC in the Western Sector. pic.twitter.com/YWJWatUErI
आपको बता दें कि एलएसी पर भारत और चीन पर पिछले साल से लगातार तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पिछले साल एक हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। तब से अबतक सीमा विवाद को लेकर कई दौर की बातचीत की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
वरिष्ठ सैनिकों की बैठक पर होंगी निगाहें
ऐसे में एस.जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री के साथ इस मुलाकात को कई मायनों में अहम माना जा रहा था। हालांकि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद वरिष्ठ सैनिकों की जल्द बैठक बुलाने पर सहमति बनी है।
ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बैठक पर टिकी होंगी और देखना होगा कि यह बैठक कबतक बुलाई जाती है और सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच क्या सहमति बनती है।Highlighted that unilateral change of status quo is not acceptable. Full restoration and maintenance of peace and tranquility in border areas is essential for development of our ties.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2021
Agreed on convening an early meeting of the Senior Military Commanders.
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