गरारे करके पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं? ICMR से मिली मंजूरी
वैज्ञानिक और अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस कोरोना वायरस टेस्ट की खोज की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि ये गेंमचेंजर साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी के दौर में जांच का एक नया तरीका पेश किया गया है। अब आप गरारे करके पता लगा सकते हैं कि आपको कोरोना है या नहीं। इस सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर टेस्ट से तीन घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच का पता लगाया जा सकेगा। इस तरीके को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर से मंजूरी भी मिल गई है। वैज्ञानिक और अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस कोरोना वायरस टेस्ट की खोज की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि ये गेंमचेंजर साबित हो सकता है।
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इसे शरीर के किसी हिस्से में कई उपकरण डालने की जरूरत नहीं है और मरीज के द्वारा खुद ही नमूना लिया जा सकता है। सलाईन गार्गल आरटी पीसीआर में साधारण ट्यूब होती है जो नमकीन घोल से युक्त होती है। व्यक्ति को सलाईन को अपने मुंह में रखना होगा और 15 सेकेंड तक गरारे करना होगा। इसके बाद तरल को ट्यूब में थूक कर जांच के लिए भेजना होगा। लैब में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बफर के साथ इसे मिश्रित करके 30 मिनट तक रखा जाएगा। आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए आरएनए प्राप्त करने के लिए इस मिश्रण को छह मिनट के लिए 98 डिग्री पर गर्म किया जाएगा। इसी आधार पर व्यक्ति में कोरोना के मामले की पुष्टि की जाएगी।
#United2fightCorona@CSIR_NEERI has developed 'Saline Gargle #RTPCR Method' for testing #COVID19 samples; you can get the result within 3 hours
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) May 28, 2021
Watch Dr. Krishna Khairnar, Senior Scientist, Environmental Virology Cell, NEERI explaining how to use👇@IndiaDST@CSIR_IND pic.twitter.com/mxpYTlt7lC
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