सलमान को बड़ी राहत, काले हिरण शिकार मामले में बरी

[email protected] । Jul 25 2016 5:55PM

फिल्म अभिनेता सलमान खान को आज तब बड़ी राहत मिली जब चिंकारा शिकार के दो मामलों में राजस्थान उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया। सलमान ने फैसले पर खुशी जताई है।

बॉलीवुड सितारे सलमान खान को आज तब बड़ी राहत मिली जब चिंकारा शिकार के दो मामलों में राजस्थान उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया। निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में पाँच साल की सजा सुनाई थी जिसे सलमान ने जोधपुर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सलमान को 18 साल बाद इस मामले से आरोप मुक्त कर दिया गया। यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत है क्योंकि यदि उच्च न्यायालय का फैसला विपरीत आता तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता था।

सलमान ने उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले को सत्र अदालत में चुनौती दी थी। सलमान की दो याचिकाओं पर सुनवाई उच्च न्यायालय में 16 नवंबर 2015 को शुरू हुई थी और यह 13 मई 2016 को पूरी हुई थी जिसके बाद न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बचाव पक्ष के वकील महेश बोरा ने उच्च न्यायालय में दलील पेश करते हुए कहा था कि सलमान को एक अहम गवाह हरीश दुलानी के बयानों पर ही इन मामलों में गलत फंसाया गया है। दुलानी उस वाहन का चालक था जिसका इस्तेमाल इन दोनों मामलों में शिकार में कथित रूप से किया गया था। बोरा ने दलील दी कि दुलानी कभी भी उन्हें जिरह के लिए उपलब्ध नहीं हो पाया और इसलिए सलमान को दोषी ठहराने के लिए केवल उसके बयानों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। उन्होंने यह तर्क भी दिया कि दोनों मामले परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर बनाए गए और सलमान के खिलाफ कोई भी प्रत्यक्षदर्शी या कोई अन्य सबूत नहीं है। इसके अलावा अदालत ने पाया कि सलमान के पास से मिली बंदूक की गोलियां, उन गोलियों से मेल नहीं खातीं जो वाहन में से मिली थीं। बचाव पक्ष ने मजबूत दलील दी कि ये गोलियां बाद में रखी गई थीं क्योंकि वन विभाग की जांच में वाहन में ये नहीं मिली थीं और बाद में पुलिस की जांच में आश्चर्यजनक रूप से मिली थीं।

इसी प्रकार बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि शिकार में कथित रूप से इस्तेमाल किए गए हथियार सलमान के पास नहीं थे और वे वन विभाग की मांग पर ही मुंबई से जोधपुर लाए गए थे। यह भी तर्क दिया गया कि पेश की गई गोलियां एयर गन की हैं जिसकी क्षमता किसी जीव को मारने की कतई नहीं है। अभियोजन के वकील केएल ठाकुर ने इसके जवाब में तर्क दिया कि दुलानी दो बार अदालत में पेश हुआ लेकिन बचाव पक्ष ने उससे जिरह नहीं की। ठाकुर ने सह आरोपियों के बयानों का हवाला देते हुए दुलानी के बयानों की पुष्टि कर अपने मामले को साबित करने की कोशिश की लेकिन इनमें से कुछ अदालत में बाद में मुकर गए। ऐसा बताया गया था कि सलमान पहले मामले में चिंकारा का मृत शरीर होटल आशीर्वाद में लेकर आए थे। ठाकुर ने दूसरे मामले में शिकार स्थल पर खून से सनी जमीन और होटल आशीर्वाद से मिले खून के धब्बों की एफएसएल रिपोर्ट का जिक्र करते हुए यह साबित करने की कोशिश की यह चिंकारा का खून था। अभियोजन ने दूसरे मामले संबंधी वाहन के टायर के निशानों की एफएसएल रिपोर्ट भी पेश की और कहा कि छह में से चार नमूने यह साबित करते हैं कि यह वही वाहन था जो शिकार स्थल पर गया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़