अंधभक्ति और नासमझी में युद्ध की बात करना बहादुरी नहीं: प्रशांत किशोर
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि कि ''युद्ध को ना'' कहना कायरता नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी किसी भी युद्ध के विरूद्ध थे और वे निश्चित रूप से कोई कायर नहीं थे।
पटना। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने गुरूवार को कहा कि सोशल मीडिया पर अंधराष्ट्रभक्ति, नासमझी में युद्ध की बात किए जाने को बहादुरी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। प्रशांत ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया कि 'युद्ध को ना' कहना कायरता नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी किसी भी युद्ध के विरूद्ध थे और वे निश्चित रूप से कोई कायर नहीं थे। वास्तव में वे उन सबसे बहादुर लोगों में से एक थे, जिन्हें मानवता ने अबतक देखा है। सोशल मीडिया पर अंधराष्ट्रभक्ति, नासमझी में युद्ध की बात किए जाने को बहादुरी नहीं समझा जाना चाहिए।
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प्रशांत ने कल ट्वीट करके कहा कि भारत को केवल एक अभिनंदन को वापस लाने की जरूरत है। बाकी सबके लिये इंतजार किया सकता है। 'युद्ध को ना' कहने के प्रति समझदार बनें।
#SayNoToWar is not cowardice. The father of the nation was opposed to any war and he certainly was no coward. In fact he was one of the bravest that humanity has ever seen. Social media jingoism and mindless warmongering should not be mistaken for bravery!!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) February 28, 2019
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