नीतीश कटारा हत्याकांड में SC ने विकास यादव की पैरोल की याचिका खारिज की
उच्चतम न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल कारावास की सजा भुगत रहे विकास यादव को पैरोल देने से इंकार करते हुये सोमवार को उसकी याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी 25 साल की सजा बरकरार है। आपको परोल क्यों चाहिए?
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल कारावास की सजा भुगत रहे विकास यादव को पैरोल देने से इंकार करते हुये सोमवार को उसकी याचिका खारिज कर दी। नीतीश कटारा की 2002 में हत्या कर दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि दोषी को 25 साल कैद की सजा सुनाई गई थी और यह कोई राहत दिए बिना पूरी की जानी है। पीठ ने विकास यादव की चार सप्ताह का पैरोल मांगने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘आपको 25 साल कैद की सजा सुनाई गई है, इसे पूरी करो।’’
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इस बीच, पीठ ने यादव की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने बिना किसी राहत के 25 साल कैद की सजा सुनाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। इस याचिका में दलील दी गयी थी कि कानून के तहत अदालतों को कैद की अवधि निर्धारित करने और बगैर किसी छूट के यह जारी रहने की शर्त लगाने की इजाजत नहीं है। शीर्ष अदालत ने तीन अक्टूबर, 2016 को विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को नीतीश कटारा के अपहरण और उसकी हत्या में उनकी भूमिका के लिये दोनों को बगैर किसी छूट के 25-25 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने विकास और विशाल की उम्र कैद की सजा बरकरार रखते हुये उनके लिये बगैर किसी छूट के 30-30 साल की कैद की सजा मुकर्रर की थी। इस मामले में तीसरे दोषी सुखदेव पहलवान को 25 साल की कैद की सजा सुनायी गयी थी।
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पीठ ने सोमवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान यादव के वकील से जानना चाहा कि वह किसलिये पैरोल चाहता है तो उसके वकील ने कहा कि कटारा मामले में वह साढ़े सत्रह साल से जेल में है और वैसे भी उच्च न्यायालय ने उसे गलत आधार पर इससे वंचित कर दिया था कि जेसिका लाल हत्याकांड में भी वह चार साल की सजा काट रहा है। उन्होंने कहा कि विकास पहले ही जेसिका लाल हत्याकांड में सजा पूरी कर चुका है और उच्च न्यायालय का निर्णय पैरोल देने के खिलाफ नहीं बल्कि सजा में छूट के संबंध में था।वर्ष 2002 में 16 और 17 फरवरी की दरम्यानी रात अपहरण के बाद कटारा की हत्या कर दी गई थी।इस घटना को विकास की बहन भारती से कटारा के कथित प्रेम संबंधों के चलते अंजाम दिया गया था जो अलग-अलग जाति से थे।
Supreme Court has refused to grant parole to Vikas Yadav, who is undergoing a 25-year jail term in Nitish Katara murder case. pic.twitter.com/ifsodjreEh
— ANI (@ANI) November 4, 2019
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