फडणवीस के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने तय की अंतिम सुनवाई की तारीख

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[email protected] । Jul 3 2019 3:24PM

मुख्यमंत्री ने निर्वाचन कानून के तहत आवश्यक सूचना का खुलासा नहीं किया और अपने खिलाफ लंबित मामलों का खुलासा नहीं करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125ए का उल्लंघन है और यह अपने आप में अपराध की श्रेणी में आता है।

नयी दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा के लिये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी। आरोप है कि मुख्यमंत्री ने अपने नामांकन पत्र में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि इस याचिका को अंतिम सुनवाई के लिये 23 जुलाई को सूचीबद्ध किया जायेगा। फडणवीस के निर्वाचन को चुनौती देते हुये सतीश उके ने दायर याचिका कर रखी है। उके ने याचिका में फडणवीस के खिलाफ लंबित तमाम आपराधिक मामलों का कथित तौर पर खुलासा नहीं करने को आधार बनाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के लिये उनके चुनाव को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया है। 

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इससे पहले शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उके की याचिका पर मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया था। उच्च न्यायालय ने फडणवीस के चुनाव को चुनौती देने वाली उके की याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि फडणवीस ने 2014 में दायर अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया था। इसमें दलील दी गयी थी कि मुख्यमंत्री ने निर्वाचन कानून के तहत आवश्यक सूचना का खुलासा नहीं किया और अपने खिलाफ लंबित मामलों का खुलासा नहीं करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125ए का उल्लंघन है और यह अपने आप में अपराध की श्रेणी में आता है। फडणवीस के खिलाफ 1996 और 1998 में कथित धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के दो मामले दर्ज हुए थे, हालांकि इनमे उनके खिलाफ आरोप तय नहीं हुए थे।

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