आरे पर SC का आदेश मुंबई के बाशिंदों की नैतिक जीत: शिवसेना

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[email protected] । Oct 7 2019 4:39PM

शिवसेना, सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है लेकिन शहर के हरित क्षेत्र में पेड़ काटे जाने के फैसले पर उसने अलग रुख अपना रखा है। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की आरे कॉलोनी में ‘मेट्रो कोच शेड’बनाने के लिए पेड़ काटे जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है और इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।

मुंबई। मेट्रो कोच शेड के लिए यहां आरे कॉलोनी में और पेड़ काटने से प्रशासन को रोकने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की सराहना करते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि यह पर्यावरणविदों के लिए ‘नैतिक जीत’ है।  शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि आरे क्षेत्र को जंगल नहीं घोषित करना सरकार की गलती थी और अफसोस जताया कि दो दिनों में करीब 2100 पेड़ काट दिए गए। विधान पार्षद ने कहा, ‘‘आरे में यथास्थिति बनाए रखने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश परियोजना का विरोध कर रहे पर्यावरणविदों और मुंबई के बाशिंदों की नैतिक जीत है। ’’

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शिवसेना, सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है लेकिन शहर के हरित क्षेत्र में पेड़ काटे जाने के फैसले पर उसने अलग रुख अपना रखा है। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की आरे कॉलोनी में ‘मेट्रो कोच शेड’बनाने के लिए पेड़ काटे जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है और इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।  इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कायंदे ने कहा, ‘‘ यह सरकार की गलती है कि उसने आरे को जंगल घोषित नहीं किया। यह जानकर बहुत बुरा लग रहा है कि दो दिनों में ही करीब 2100 पेड़ काट दिए गए।’’ उन्होंने हैरानी जतायी, ‘‘सरकार ने पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। राज्य के लिए लोगों की आवाज को दबाना इतना जरूरी क्यों है ?’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘राज्य सरकार मेट्रो-तीन परियोजना के लिए आरे की जैव विविधता को क्यों बर्बाद करना चाहती है।’’

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