सरकारी नौकरियों में SC/ST के लिए आरक्षण पर अंतरिम आदेश से SC का इनकार

SC rejects interim order on reservation for SC / ST in government jobs
[email protected] । Jul 11 2018 2:56PM

उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण पर 2006 के अपने पूर्व के आदेश के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से आज इनकार किया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण पर 2006 के अपने पूर्व के आदेश के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से आज इनकार किया। यह मामला ‘क्रीमी लेयर’ लागू करने से जुड़ा हुआ था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 2006 के फैसले-एम नागराज पर विचार के लिए सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ की जरूरत है। 

केन्द्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ को इस मामले की तत्काल सुनवाई करनी चाहिए क्योंकि विभिन्न न्यायिक फैसलों से उपजे भ्रम के कारण रेलवे और सेवाओं में लाखों नौकरियां अटकी हुई हैं। इस पर पीठ ने कहा कि एक संविधान पीठ के पास पहले ही बहुत सारे मामले हैं और इस मामले को अगस्त के पहले सप्ताह में ही देखा जा सकता है। 

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 15 नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ केवल यह देखेगी कि क्या 2006 के एम नागराज तथा अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए फैसले पर दोबारा विचार करने की जरूरत है अथवा नहीं। ।

एम नागराज फैसले में कहा गया था कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए पदोन्नति में क्रीमी लेयर की अवधारणा लागू नहीं की जा सकती जैसा कि पहले के दो मामलों ....1992 के इंदिरा साहनी और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया तथा 2005 के ई वी चिन्नैया बनाम स्टेट ऑफ आंध्र प्रदेश में फैसले दिये गये थे। ये दोनों फैसले अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में क्रीमी लेयर से जुड़े थे। 

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