देश में माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदार, टीवी पर जाकर मांगो माफी, SC ने मोहम्मद साहब विवाद पर नूपुर शर्मा को जमकर सुनाया, जानें 14 कड़ी और बड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणियों ने खाड़ी देशों में भारी गुस्सा पैदा किया और देश में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, उन्हें "पूरे देश" से माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर एफआईआर दर्ज करने की उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर बेहद तल्ख टिप्पणी की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ''परेशान करने वाले'' बयान देने के लिए भाजपा के पूर्व प्रवक्ता की खिंचाई भी की। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। नुपुर शर्मा पर टीवी पर बहस के दौरान पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में मामला दर्ज किया गया था। उनकी टिप्पणी ने बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा किया और उनके खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणियों ने खाड़ी देशों में भारी गुस्सा पैदा किया और देश में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, उन्हें "पूरे देश" से माफी मांगनी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन की 14 बड़ी बातें
1. नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी परेशान करने वाली है। इन टिप्पणियों को करने के पीछे उनका उद्देश्य क्या है?
2. नुपुर शर्मा को नेशनल टीवी पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।
3. माफी मांगने और अपनी टिप्पणियों को वापस लेने में उन्होंने बहुत देर की। यहां तक कि अपने माफीनामे में भी वह कहती रहीं कि अगर उन्होंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो...
4. नूपुर के बयानों से पूरे देश में माहौल बिगड़ा।
5. उनकी याचिका में अहंकार की बू आती है कि देश में मजिस्ट्रेट अदालतें उसके लिए बहुत छोटी हैं
6. किसी पार्टी का प्रवक्ता होने का मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बयान दें।
7. ये महिला अकेले इस पूरे माहौल के लिए जिम्मेदार है।
8. जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराते हैं, तो उस व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया जाता है, लेकिन इस मामले में आपके ऊपर किसी ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की, जो आपका दबदबा दिखाता है।
9. हमने देखा कि जिस तरह से ये टिप्पणियां की गई और फिर कहा कि वह एक वकील है शर्मनाक है।
10. दिल्ली पुलिस ने क्या किया है? मुंह मत खुलवाइए। टीव डिबेट का एजेंडा क्या था? उन्होंने ऐसा विषय क्यों चुना जो विचाराधीन था?
11. क्या नुपुर शर्मा जांच में शामिल हो रही हैं? आपने तो लाल कालीन बिछा रखा था।
12. यहां एक व्यक्ति का विशेष को स्पेशल ट्रीटमेंट दी जा रही है।
13. उनकी टिप्पणी उनके अड़ियल और अहंकारी चरित्र को दर्शाती है।
14. लोकतंत्र में घास को बढ़ने और गधे को उसे खाने का भी अधिकार है।
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