सिंधिया को अब भी उम्मीद, MP में मायावती से हो सकता है कांग्रेस का गठबंधन

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[email protected] । Oct 14 2018 3:03PM

उनकी यह टिप्पणी बसपा प्रमुख मायावती के कांग्रेस के साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में ‘‘किसी कीमत पर’’ गठबंधन नहीं करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है।

नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ नहीं आने के बसपा के फैसले से प्रभावित न होते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि पार्टी ‘‘अब भी प्रभावी स्थिति में है’’ और चुनावी राज्य में सभी ‘‘संभावित साझेदारों’’ के संपर्क में है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाल रहे सिंधिया ने यह भी कहा कि ‘‘14 साल के कुशासन’’ के बाद भाजपा को सत्ता से हटाने की पार्टी की योजना को अमली जामा पहनाने के लिये समूचा प्रदेश नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ता ‘‘एक साथ काम कर रहे हैं’’। 

यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकती है, उन्होंने एक साक्षात्कार में प्रेट्र से कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता। स्वाभाविक रूप से गठबंधन के अपने फायदे होते लेकिन आज जो स्थिति है उसके मुताबिक कांग्रेस को मध्य प्रदेश में व्यापक समर्थन है। कार्यकर्ताओं में जोश है और लोग बदलाव के लिये हमारी तरफ देख रहे हैं। इसलिए निश्चित रूप से हम अब भी प्रभावी स्थिति में हैं।’’ 

बसपा के कांग्रेस के साथ न आने के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच राज्य में संभावित गठजोड़ को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंधिया ने कहा, ‘‘हम सभी संभावित साझेदारों के संपर्क में हैं- हमारा एकमात्र उद्देश्य भाजपा को हराना है। हम अभी गठबंधन की संभावनाओं को खारिज नहीं कर रहे हैं।’’ 

उनकी यह टिप्पणी बसपा प्रमुख मायावती के कांग्रेस के साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में ‘‘किसी कीमत पर’’ गठबंधन नहीं करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने हालांकि कहा कि अगले साल होने वाले आम चुनाव ‘‘बिल्कुल अलग परिस्थिति’’ में होंगे और अगर प्रदेश में गठबंधन पर अभी बात नहीं बनी तो भी 2019 में गठबंधन की संभावना बरकरार है। सिंधिया ने कहा कि पार्टी का ‘‘प्रेरणा मंत्र’’ है ‘वक्त है बदलाव का’। उन्होंने कहा कि यह ‘‘एक नारा नहीं है, यह हकीकत है, बदलाव के लिए प्रतिबद्धता है।’’ 

गुना से सांसद सिंधिया ने कहा, ‘‘हम इस चुनाव को मोदी या शिवराज फैक्टर पर नहीं बल्कि ‘पीपल फैक्टर’ पर लड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश के लोग भाजपा के 14 साल के शासन से आजिज हैं। हम जहां कहीं भी देखते हैं, लोग उत्तेजित और गुस्से में हैं।’’ प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों के बारे में पूछने पर सिंधिया ने कहा कि पार्टी सड़कों पर लड़ाई लड़ेगी। ‘‘हम प्रदेश भर में किसानों की परेशानी, पूरी तरह खत्म हो चुकी कानून-व्यवस्था, खासकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों, व्यापक भ्रष्टाचार आदि को लेकर जनता के पास जाएंगे चाहे वह व्यापमं, ई-टेंडर हो या रेत खनन हो।’’ 

प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान है और 11 दिसंबर को मतगणना होगी। बीते तीन चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस का आंतरिक संगठन कितना अलग है और क्या पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद सुलझा लिये गए हैं। इस सवाल पर सिंधिया ने कहा कि पार्टी एकजुट है और प्रमुख मुद्दों को लेकर नियमित बैठक होती हैं चाहे पार्टी संगठन में फेरबदल हो या पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना हो या जिले और ब्लॉक स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करना हो। 

सिंधिया ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि भाजपा से लड़ने के लिये हमें बूथ स्तर तक जाकर लड़ना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हम एक इकाई के तौर पर काम कर रहे हैं जो मध्य प्रदेश के विकास के साझा दर्शन और मिशन के लिये संकल्पबद्ध है।’’ ओपिनियन पोल में मध्य प्रदेश में भाजपा पर कांग्रेस को बढ़त दिखाए जाने पर उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि उनकी पार्टी ‘‘को बढ़त है’’।

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