कमलनाथ vs सिंधिया: दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, समर्थकों को चाहिए राहुल का साथ
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में सभी की निगाह बनी हुई है। हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने के अनुमान जताए जा रहे हैं।
नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में सभी की निगाह बनी हुई है। हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने के अनुमान जताए जा रहे हैं। इसके उलट जब प्रभासाक्षी ने सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश को लेकर कांग्रेस की साथ टटोलने का प्रयास किया तो सामने आया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और राहुल गांधी के करीबी मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का आपस में द्वंद्व जारी है।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष की मानें तो वह चाहते हैं कि सभी लोग आपस में मिल जुलकर इस चुनाव में हिस्सा लें क्योंकि राज्य की जनता को कांग्रेस को पसंद करने लगी है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस कड़ी चुनौती दे सकती है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने 2014 में देश में मोदी लहर के बावजूद 9वीं बार चुनाव जीतकर सभी को हैरान कर दिया था और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आधा दर्जन नामों को पछाड़ कर यह पद हासिल करने में सफल रहे थे। कांग्रेस इतिहास में अब तक यह देखने को मिलता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ही मुख्यमंत्री बनता है। हाल ही में सभी ने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को देखा। उससे पहले दिल्ली में शीला दीक्षित या राजस्थान में अशोक गहलोत जैसे कई उदाहरण हमारे सामने है। इसी बात का डर सिंधिया समर्थकों को है। चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि मुख्यमंत्री का उम्मीदवार सिंधिया को ही बनाया जाए। ऐसे में राज्य स्तर पर कांग्रेस के दो धड़े नजर आने लगे हैं। जिसका फायदा न चाहते हुए भी बीजेपी को मिलेगा।
जब राज्य की जनता से बातचीत की गई तो पता चला कि वह मोदी सरकार के प्रदर्शन से काफी खुश है। लेकिन, वह मध्य प्रदेश में शिवराज की जगह पर बीजेपी का दूसरा उम्मीदवार चाहते हैं। ऐसे में चुनाव राज्य की जनता के लिए थोड़ा मुश्किल भरा होने वाला है। क्योंकि जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए शिवराज राज्य की जनता को लुभाने का प्रयास तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ वह यह कांग्रेस को यह भी दर्शा रहे हैं कि उनकी टक्कर का नेता अभी राज्य में कोई नहीं है।
वापस हम सोशल मीडिया की बात करें तो कमलनाथ को मुख्यमंत्री उम्मीवार बनाने के लिए समर्थकों ने ट्विटर पर #KamalnathNextMPCM चलाया और बताया कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कमलनाथ ही राज्य के मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
लोगो ने की भूल जो दबाया कमल का फूल,
— Rahul Gandhi (@incRG) July 6, 2018
अब MP के विकास में हो कांग्रेस का हाथ ,
पूरी जनता है अब कमलनाथ के साथ !!
" हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की "#KamalnathNextMPCM
#KamalnathNextMPCM I think this time MP people will go with kamalnath pic.twitter.com/pxoscesl2C
— ज\हिल (@me_Jahil) July 6, 2018
सोशल मीडिया में चल रहे इस तरह के कैम्पेन से यह तो साफ हो रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के समर्थक दो धड़ों में बंट गए हैं। जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा। ऐसे में जरूरी है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों नेताओं के समर्थकों के साथ बैठक करें ताकि राज्य में चुनावी रणनीति योजना अनुसार आगे बढ़ाई जा सके।
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