दिल्ली में फेफड़ों के कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए जांच कार्यक्रम शुरू किया गया

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बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीवित रहने की दर और उपचार के परिणामों में सुधार लाना है। इसमें कहा गया है कि इस कार्यक्रम के तहत उन लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया जिनके इस बीमारी के ग्रस्त होने का खतरा अधिक है।

फेफड़ों के कैंसर का जल्द पता लगाने के उद्देश्य से भारत का पहला ‘लंगलाइफ स्क्रीनिंग’ कार्यक्रम दिल्ली के एक निजी अस्पताल से शुरू किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अपोलो कैंसर सेंटर (एसीसी) से बृहस्पतिवार को यह कार्यक्रम शुरू किया गया। एसीसी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, देश में सभी प्रकार के कैंसरों के कुल मामलों में से 5.9 प्रतिशत मामले फेफड़ों के कैंसर के होते हैं तथा कैंसर के कारण होने वाली मौत के मामले में इसकी हिस्सेदारी 8.1 प्रतिशत है।

बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीवित रहने की दर और उपचार के परिणामों में सुधार लाना है। इसमें कहा गया है कि इस कार्यक्रम के तहत उन लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया जिनके इस बीमारी के ग्रस्त होने का खतरा अधिक है। इनमें वे लोग शामिल हैं, जिनकी उम्र 50 से 80 वर्ष के बीच है, जो पहले धूम्रपान करते हों या जिनके परिवार में किसी को पहले फेफड़ों का कैंसर हुआ हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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