CM तीरथ सिंह रावत के लिए विधानसभा सीट की तलाश तेज

Tirath Singh Rawat

पार्टी हाईकमान से मुलाकात से पहले मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं उत्तरकाशी का दौरा किया था, जहां कई नेताओं ने उनसे गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उत्तरकाशी जिले के नेताओं ने मुख्यमंत्री से गंगोत्री से उपचुनाव लड़ने का अनुरोध किया है।

देहरादून। मुख्यमंत्री बनने के तीन माह बाद तीरथ सिंह रावत ने विधानसभा पहुंचने के लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश तेज कर दी है। इस संबंध में भाजपा सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री रावत की नजर उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री विधानसभा सीट पर जमी हुई है, जो भाजपा विधायक के निधन के बाद पिछले दो महीने से खाली है। गंगोत्री से विधायक गोपाल सिंह रावत का अप्रैल में कैंसर से निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने 10 मार्च को प्रदेश की कमान संभाली थी और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना है। इसके अलावा, कुछ भाजपा विधायकों जैसे देहरादून शहर की धर्मपुर विधानसभा सीट से विधायक विनोद चमोली और बदरीनाथ से विधायक महेंद्र भट्ट ने भी उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। सूत्रों का कहना है कि रावत इस संबंध में जल्द ही फैसला ले सकते हैं। पिछले सप्ताहांत दिल्ली में मुख्यमंत्री रावत ने पार्टी के तीन शीर्ष नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। माना जाता है कि इस दौरान मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने पर चर्चा हुई। 

इसे भी पढ़ें: अचानक दिल्ली दौरे पर तीरथ सिंह रावत, अमित शाह से की मुलाकात

पार्टी हाईकमान से मुलाकात से पहले मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं उत्तरकाशी का दौरा किया था, जहां कई नेताओं ने उनसे गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उत्तरकाशी जिले के नेताओं ने मुख्यमंत्री से गंगोत्री से उपचुनाव लड़ने का अनुरोध किया है, वहीं कई विधायक भी अपनी सीट उनके लिए छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी सभी पहलुओं पर विचार कर इसके बारे में फैसला लेगी।’’ गंगोत्री सीट पर छह माह के भीतर उपचुनाव होना है और रावत के वहां से चुनाव लड़ने से प्रदेश में एक और उपचुनाव को टाला जा सकेगा। लेकिन मुख्यमंत्री की दुविधा यह है कि वहां के तीर्थ पुरोहित पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में गठित चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। पिछले कई दिनों से तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है और वह मुख्यमंत्री पर बोर्ड भंग करने का दवाब बना रहे हैं। इस बारे में संपर्क किए जाने पर प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री की सीट के बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़