करौली व धौलपुर में धारा 144, गहलोत ने कहा- बातचीत के लिए आगे आएं गुर्जर नेता
गुर्जर नेता सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए।
जयपुर। राजस्थान में पांच प्रतिशत आरक्षण को लेकर गुर्जर नेता रविवार को चौथे दिन भी आंदोलन पर रहे। इस दौरान धौलपुर में कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया और हवा में गोलियां चलाईं। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गुर्जर बहुल धौलपुर व करौली जिले में धारा 144 लगा दी है। इस बीच सरकार व आंदोलनकारियों के बीच कोई नया संवाद नहीं हुआ है हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर नेताओं को आगे आकर बातचीत शुरू करनी चाहिए। वहीं गुर्जर नेता इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। इस आंदोलन के कारण रविवार को भी कई ट्रेन रद्द करनी पड़ीं। कई जगह सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित होने से लोग परेशान हुए।
सरकार पूरी तरह तैयार है, किस तरह भावनाओं का आदर करते हुए फैसले हों यह हमारी धारणा है, सरकार के द्वार वार्ता के लिए खुले हैं। pic.twitter.com/rxGYanVomG
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 10, 2019
गुर्जर नेता सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए। आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। उसके बाद दोनों पक्षों में कोई संवाद नहीं हुआ है। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने रविवार शाम कहा, ‘‘आंदोलनकारी पटरी पर बैठे हैं और उनकी तो कल हो, परसों या बीस दिन... आंदोलन पर डटे रहने की ही नीति है।’’ बैंसला ने कहा कि शनिवार की बातचीत के बाद सरकार की ओर से उन्हें को संदेश या संकेत नहीं दिया गया है। बैंसला ने कहा,‘‘हमें सरकार के साथ कोई बात नहीं करनी है। हम आरक्षण की मांग कर रहे हैं उसे पूरा कर दिया जाए हम अपने घर चले जाएंगे।’’
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वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर में कहा,‘‘वार्ता के लिए द्वार खुले हैं सरकार के। मैं समझता हूं कि उन्हें (आंदोलनकारियों को) खुद आगे आकर बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए।’’ गहलोत ने कहा कि बातचीत से ही बात आगे बढ़ती है और पहले भी इससे गुर्जर समाज के हित में कुछ फैसले हुए हैं। इसके साथ ही गहलोत ने धौलपुर में आगजनी की घटना की निंदा की और कहा कि स्थानीय प्रशासन देखेगा कि यह कैसे हुई और इसमें कौन कौन शामिल थे।
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