अलगाववादियों ने अफजल गुरु को फांसी की छठी बरसी पर बंद का आह्वान किया
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के दोनों धड़ों से मिलकर बने अलगाववादी समूह ‘संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल)’ ने अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया है।
श्रीनगर। संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु की फांसी की छठी बरसी पर अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया है, जिसकी वजह से शनिवार को कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। अफजल गुरु को 2013 में इसी दिन फांसी दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादियों द्वारा बुलाये गये बंद की वजह से दुकानें और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सरकारी परिवहन सड़कों से नदारद रहा।
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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के दोनों धड़ों से मिलकर बने अलगाववादी समूह ‘संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल)’ ने अपनी उस मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया है कि गुरु के शव के अवशेषों को वापस किया जाए ताकि उन्हें कश्मीर में दफनाया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी विरोध मार्च को रोकने के लिए सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और कई अन्य अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया है।
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उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि 9 फरवरी, 2013 को नयी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल के अंदर गुरु को फांसी दी गई थी और दफनाया गया था।
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