झारखंड सरकार के हस्तक्षेप के बाद बेंगलुरू से सात लड़कियों को मुक्त कराया गया

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राज्य सरकार की विज्ञप्ति में बताया गया है कि सिलाई में निपुण अंजली को बेंगलुरू में वस्त्र उद्योग से जुड़े एक केन्द्र ने बंधक बना लिया था, हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने अधिकारियों को उसे तथा उसकी जैसी छह अन्य महिलाओं को मुक्त कराने के निर्देश दिये।

रांची|  झारखंड के मुसाबनी की हुनरमंद अंजली पान अब खुश है क्योंकि बेंगलुरू में बंधक बनाकर रखी गयी अंजली की अब घर वापसी सुनिश्चित हो गई है और अगले कुछ घंटों में वह अपने परिवार के पास पहुंच जायेगी। इसके अलावा अंजली जैसी ही पोटका प्रखंड की अन्य छह युवतियों को भी राज्य सरकार ने मुक्त करा लिया है।

राज्य सरकार की विज्ञप्ति में बताया गया है कि सिलाई में निपुण अंजली को बेंगलुरू में वस्त्र उद्योग से जुड़े एक केन्द्र ने बंधक बना लिया था, हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने अधिकारियों को उसे तथा उसकी जैसी छह अन्य महिलाओं को मुक्त कराने के निर्देश दिये।

इसके बाद अधिकारियों ने कर्नाटक के समकक्ष अधिकारियों से वार्ता कर इन युवतियों को मुक्त कराया।

अंजली ने बताया कि कौशल विकास केंद्र डिमना से प्रशिक्षण लेने के बाद वह अपने सहयोगियों के साथ बेंगलुरू स्थित एक वस्त्र उद्योग में सिलाई-कढ़ाई का काम करने गयी थी। वहां पहुंचने पर सभी को काम पर लगा दिया गया। लेकिन, जिस तरह की सुविधा देने की बात कही गयी थी वैसी नहीं दी गई।

उन्होंने बताया कि उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जा रहा था। उन्हें न तो सही तरह से रहने की सुविधा दी गयी और न ही खाने की सुविधा ही। वार्डेन से शिकायत करने पर वार्डेन द्वारा मारपीट की धमकी दी जाती थी। अंजलि ने बताया कि जब वह सभी घर लौटना चाहती थीं तो उन्हें आने नहीं दिया जा रहा था।

उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। युवतियों ने मामले की जानकारी कौशल विकास केंद्र डिमना को देने के साथ घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक से गुहार लगायी।

मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आते ही श्रम विभाग और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को यथाशीघ्र युवतियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।

इसके उपरांत श्रम विभाग ने सक्रियता के साथ सभी के घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। अंजली के अलावा उसके साथ छह अन्य युवतियों को बेगलुरू के इस केन्द्र से मुक्त कराया गया है और आज देर रात्रि तक सभी अपने घर पर पहुंच जायेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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