रेप की FIR दर्ज करने के दिल्ली HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शाहनवाज़ हुसैन
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शाहनवाज हुसैन के खिलाफ 2018 बलात्कार मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने के तुरंत बाद भाजपा नेता ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि यदि प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो याचिका निष्फल हो जाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी और पुलिस को 2018 के बलात्कार मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि तथ्यों को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि पुलिस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से हिचक रही है। अदालत ने यह भी कहा कि निचली अदालत ने पुलिस की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि महिला की शिकायत ने संज्ञेय अपराध का मामला बनाया। जनवरी 2018 में दिल्ली की एक महिला ने हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी। उसने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
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साल 2018 में एक महिला ने केंद्र और बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन पर आरोप लगाया था कि उसके साथ छतरपुर फॉर्महाउस में रेप किया। इसके साथ ही उसे जान से मारने की धनकी भी दी थी। इस मामले पर पुलिस ने निचली अदालत में कहा था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। हालांकि उस वक्त भी कोर्ट ने पुलिस के तर्क को खारिज करते हुए कहा था कि ये संज्ञेय अपराध का मामला है।
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